वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक, म्यामां की नेता आंग सान सू ची तथा सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग सहित नौ आसियान नेता भारत आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को भारत पहुंचे.
नौ आसियान नेता राजधानी में इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले यहां पहुंचे हैं. केवल इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जोको विडोडो शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे. एक अभूतपूर्व कदम के तहत इस आयोजन में भाग लेने वाले 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि भी होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यामां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, अपने वियतनामी समकक्ष न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक समेत आसियान के तीन नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें की और महत्वपूर्ण आपसी और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.
मोदी और म्यामां की नेता के बीच मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों नेताओं ने बीते सितंबर में म्यामां में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान हुए महत्वपूर्ण फैसलों के क्रियान्वयन सहित द्विपक्षीय संबंधों को गति देने पर सार्थक बातचीत की.’’
रखाइन प्रांत में हालात सामान्य बनाने और विकास को लेकर भारत और म्यामां के बीच समझौते पर दस्तखत के करीब एक महीने के बाद यह बैठक हुई.
रखाइन में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के बाद समुदाय के हजारों लोगों को वहां से भागना पड़ा था. विदेश सचिव एस जयशंकर के म्यामां दौरे के दौरान हुआ समझौता म्यामां द्वारा सरकारों के बीच पहला समझौता था. यह रखाइन में सामाजिक-आर्थिक विकास और आजीविका पहल पर केंद्रित था.
प्रधानमंत्री ने अपने वियतनामी समकक्ष न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक से मुलाकात की और कारोबार, निवेश तथा रक्षा समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.
मोदी ने फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते से भी मुलाकात की.
भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया है.