चंडीगढ़। अब ये बहाना नहीं चलेगा, ये बच्चे तो पढ़ते ही नहीं। इनका ध्यान पढ़ाई की ओर नहीं है। अब जीरो रिजल्ट वाले स्कूलों के प्रिंसिपलों से शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीधी बात करेंगे। उनसे पूछा जाएगा कि 10वीं व 12वीं में विद्यार्थियों की परीक्षा संबंधी तैयारी कैसी चल रही है।
शिक्षा विभाग प्रदेश के 0 से एक फीसदी तक रिजल्ट देने वाले 226 स्कूलों की ओर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इन स्कूलों के प्रिंसिपलों को चंडीगढ़ बुलाया गया है। यही नहीं इन प्रिंसिपलों को मंथली एसेसमेंट सब्जेक्ट वाइज रिजल्ट भी साथ लाना होगा। पहले पहल 50 ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपलों को बुलाया जा रहा है जिनका रिजल्ट 0 से एक फीसदी तक ही रहा है। इसके बाद अन्य स्कूलों के प्रिंसिपलों को भी चंडीगढ़ बुलाकर विद्यािर्थयों से संबंधित संपूर्ण जानकारी जुटाई जाएगी। यही नहीं शिक्षा विभाग अब दिसंबर में ही तय करेगा कि किन स्कूलों को अपग्रेड करना है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि प्रिंसीपलों के साथ सीधी बात की जाएगी। उनके साथ नई योजना बनेगी, तीन माह में बच्चों के स्कोर को सुधारा जाएगा, ताकि रिजल्ट बेहतर आ सके।
90 दिन की बनेगी योजना : शिक्षा विभाग की ओर से 31 दिसंबर से पहले बच्चों के अंक बेहतर लाने के लिए योजना बनाई जाएगी। पहले यह पता लगाया जाएगा कि बच्चे किस सब्जेक्ट में कमजोर हैं। उनकी इस कमजोरी को दूर करने के लिए विशेष योजना बनेगी। 31 मार्च तक हर हाल में उनका स्कोर 10 है तो इसे 25 तक पहुंचाने की योजना बनेगी। विषय विशेषज्ञों को यह जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है।
परफॉरमेंस नहीं सुधरी तो हो सकती है कार्रवाई : योजना बनाने के बावजूद यदि परफॉरमेंस में सुधार नहीं हुआ तो ऐसे टीचरों का इंक्रीमेंट भी रोका जा सकता है। पिछले कई सालों का स्कूल का रिजल्ट का रिकार्ड भी परखा जाएगा। ताकि असल कारण का पता लगाया जा सके। उसी आधार पर ही योजना बनेगी।
समर वैकेशन की तैयारी पहले होगी : शिक्षा विभाग की ओर से यह योजना भी तैयार की जा रही है कि समर वैकेशन 2019 में बच्चों की स्किल बढ़ाने के लिए क्या योजना बनाई जानी है। यही नहीं उन्हें इन छुटिट्यों में किस तरह का होम वर्क दिया जाए। यही नहीं जहां 5वीं कक्षा तक के स्कूल हैं, उनके बच्चों को पहले से पता होना चाहिए कि 6वीं कक्षा में उन्हें कहां पढ़ना है।
हरियाणा में 0-1 % वाले 226 स्कूलः प्रदेश में शिक्षा सुधार के लिए पहले भी कई कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा है। अब नई योजना 31 दिसंबर से पहले तैयार होगी। प्रदेश में 105 सीनियर सेकेंडरी व 121 सेकेंडरी स्कूल हैं, जहां पर अबकी बार बोर्ड का रिजल्ट 0-1 फीसदी ही रहा था।
दिसंबर में होगा निर्णय, स्कूल कहां अपग्रेड होंगेः शिक्षा विभाग अब दिसंबर में ही तय कर लेगा कि प्रदेश का कौन सा स्कूल अपग्रेड करना है। कहां पर सेक्शन बढ़ाए जाने हैं, की जगह कहां पर कामर्स पढ़ानी है। प्रदेश में टीचर्स की पोस्ट कितनी हैं। कितनी किस विषय के विशेषज्ञ की पोस्ट खाली हैं। ऐसे में मिड सेशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी और योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में खासी मदद मिल सकेगी।
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