चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र की 266वीं मासिक बैठक में इंग्लैंड से आए संतूर वादक उस्ताद किरनपाल सिंह ने अपनी मधुर प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । इनके साथ तबले पर उस्ताद अकरम खां ने बखूबी संगत की । आज के कार्यक्रम का आयोजन गुरू एम.एल. कौसर सभागार में सायं 6 बजे किया गयाकिरनपाल सिंह ने महान संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा के शिष्यत्व में संतूर की शिक्षा गुरू शिष्य परम्परा के तहत प्राप्त की । इसके अलावा इन्होंने गुरू रिपुदमन सिंह पलहा से तबला की शिक्षा प्राप्त की । उपरांत सतगुरू जगजीत सिंह महाराज के शिष्यत्व में इन्होंने संतूर की बारीकियां सीखने का निर्णय किया एवं पंडित शिव कुमार शर्मा से संतूर की बारीकियां सीखीं । 1987 से इंग्लैंड में रह रहे किरनपाल सिंह ने यूरोप,यूके समेत कई देशों में अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया है । इसमें सबसे पहले उस्ताद किरनपाल ने राग यमन से कार्यक्रम की शुरूआत की । जिसमें उन्होंने रूपक,मध्य लय एवं द्रुत लय में गतें पेश की । उपरांत राग में निबद्ध दादरा,तीन ताल मध्य लय एवं द्रुत लय में गतें एवं बंदिशें पेश की । कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए किरनपाल ने पहाड़ी राग पर आधारित डोगरी धुन प्रस्तुत की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । कार्यक्रम का समापन इन्होंने राग भैरवी पर आधारित ग्राम से किया जिसमें इन्होंने पारम्परिक ग्रामों पर आधारित बंदिशें पेश करके तालियां बटोरी । उस्ताद अकरम खां ने तबले पर बेहतरीन संगत देकर चार चांद लगा दिए ।कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्टर डॉ.शोभा कौसर,सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।
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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020