
- खुद को सुपरस्टार या किसी नंबर पर नहीं मानते हुए कहा, मैं संजय दत्त हूं’, कोई नंबर नहीं
- फिल्म प्रमाेशन लिए मान्यता, अली फजल, अमायरा और सत्यजीत दूबे के साथ जयपुर आए संजय दत्त
Dainik Bhaskar
Aug 31, 2019, 12:25 AM IST
जयपुर. अपकमिंग मूवी प्रस्थानम का टाइटल ट्रैक लॉन्चिंग के लिए जयपुर आए संजय दत्त ने परिवार, पेरेंट्स और बॉलीवुड फ्रेंड्स पर बात की। उन्होंने कहा, ‘पिता के जीवन पर मूवी बनाने की लंबे समय से सोच रहा हूं, जिस पर काम शुरू करूंगा। उनकी जर्नी बहुत शानदार रही है, जिसे पर्दे पर लाना है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता मेरे भगवान हैं और उनसे ऊपर नहीं जाना चाहूंगा। वे एक्टर नहीं हैं, मेरे हीरो हैं। कितनी भी बड़ी और हिट मूवी बना लूं, लेकिन उनसे नीचे ही रहूंगा। बात की जाए मनीषा कोइराला और जैकी श्राॅफ की तो दोनों लीजेंड और फाइटर हैं। जैकी तो मेरा बीड़ू है।’ वह मान्यता दत्त, अली फजल, अमायरा दस्तूर और सत्यजीत दूबे के साथ शुक्रवार को शहर में थे।
मान्यता के साथ बहाना नहीं चलता
संजय से पूछा गया कि कौनसा रोल फिट व कम्फर्ट रहता है, तो उनका कहना था एक्शन में फिट रहते हैं। एक्शन करना ज्यादा कम्फर्ट होता है। एक्शन विद एंटरटेनमेंट कभी नहीं मर सकता है। उन्होंने बीवी मान्यता के साथ काम करने पर कहा, वे हार्ड वर्कर हैं। जब उनके साथ काम करना हो तो कोई बहाना नहीं चलता है। हालांकि, वह भी टाइम से समझौता नहीं करते। उनका टाइम फिक्स है, सुबह 10-11 से शाम 6-7 बजे तक ही काम कर पाता हूं।
मनीषा फाइटर, राजनीति का इरादा नहीं
अपने और मनीषा के अप्स एंड डाउंस पर कहा, मनीषा के साथ लंबे समय बाद काम करके मजा आया। हमने कई मूवी साथ की हैं। मनीषा एक रियल फाइटर हैं। वे आज भी बहुत खूबसूरत हैं। राजनीति में कमबैक करने की खबरों को उन्होंने अफवाह बताया। कहा, पॉलिटिक्स में जाने का कोई इरादा नहीं है।
कहानी सुनता हूं, अच्छी लगती हैं तो मन से करता हूं काम
संजय दत्त टीम के साथ जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे और अपनी मूवी के डायलॉग बोलकर स्टूडेंट्स को रोमांचित कर दिया। चांसलर संदीप बख्शी ने वेलकम किया और कैंपस की जानकारी दी। स्टूडेंट्स ने दत्त की हिट फिल्म की थीम पर मुन्नाभाई एमबीबीएस, खलनायक, पुलिसगिरी और वास्तव फिल्म के किरदार को मंच पर बखूबी निभाया। संजय दत्त ने कहा, दर्शक फिल्म देखकर खुश हो, इससे खुशी मिलती है। उन्होंने स्वयं को सुपरस्टार या किसी नंबर पर नहीं मानते हुए कहा, ‘मैं संजय दत्त हूं’, कोई नंबर नहीं। ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करता। सिर्फ एक्टर हूं। कहानी सुनता हूं, जो अच्छी लगती है, उसे मन से करता हूं।
हो गया हूं 60 साल का बाबा
बाबा या संजू, कौनसा नाम पसंद है? पर कहा, बचपन में पिता के साथ सेट पर जाता था तो सब कहते थे बाबा आ गए। तभी से ये नाम पड़ गया और 60 साल का होने पर भी लोग प्यार से बाबा ही बुलाते हैं। संजय के साथ आए अली फजल ने कहा, फिर से गुड्डू भइया के रूप में दिखूंगा, लेकिन इस बार केरेक्टर कुछ अलग होगा। इसके लिए तैयारी चल रही है। सत्या ने कहा, संजू सर ने कहा था कि एक्टिंग को एक्टिंग की तरह करना। ज्यादा घुसने की जरूरत नहीं है। अमायरा ने कहा, जब इतना बड़ा मौका मिलता है तो एक्स्पीरियंस स्वयं ही अच्छा हो जाता है।