चंडीगढ़। कपूरथला निवासी सुरिंदर मित्तल ने हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद राधे मां पर कार्रवाई न करने के मामले में एसएसपी कपूरथला के खिलाफ अदालत के आदेशों की अवमानना की याचिका दायर की थी। इसी मामले में सोमवार को एसएसपी ने अपना जवाब सौंपकर कोर्ट को बताया कि उन्हें आदेशों की प्रति नहीं मिली थी, इसलिए आदेश का पालना नहीं हो सका। वहीं, याची ने एसएसपी पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया। हाई कोर्ट ने दोनों के जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए सुनवाई 10 जनवरी तक स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ता सुरिंदर मित्तल ने बताया कि वर्ष 2015 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राधे मां धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही हैं। वह खुद को मां दुर्गा का अवतार बताती हैं और लोगों को गुमराह करती हैं। वह हाथ में त्रिशूल लेकर मां दुर्गा का वेश धारण कर जागरणों में पहुंच जाती हैं। इसकी शिकायत एसएसपी कपूरथला को दी गई थी, परंतु ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने आरटीआइ से जानकारी जुटाई तो उनके परिवार के भी आपराधिक मामलों में लिप्त होने की बात सामने आई।
इस बीच, एक महिला ने उन्हें मुंबई से कॉल कर बताया कि राधे मां उसके पति के साथ मिलकर उसे प्रताडि़त कर रही है। इसके लिए उसे राधे मां के खिलाफ खुद सबूत चाहिए। जब राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर को इस बारे में पता चला तो उसने लालच दिलवाया कि वे ऐसा नहींं करे। जब वह नहीं माना तो अचानक उसे राधे मां का खुद फोन आया और उससे पूछा गया कि उसे क्या चाहिए, जो चाहिए उसे मिल जाएगा, मगर उसने इनकार कर दिया। इसके बाद भी बार-बार कॉल आते रहे। उसने कॉल की रिकार्डिंग कर ली और कहा कि अब परेशान किया तो वह इसे पुलिस को दे देगा।
इसके बाद उसे धमकियां दी जाने लगी। सभी मामलों को एसएसपी के संज्ञान में लाया गया और राधे मां के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की गई। एसएसपी ने जब कोई कदम नहीं उठाया गया तो हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाई कोर्ट ने एसएसपी को आदेश दिए कि याचिकाकर्ता की शिकायत सुनें और कानून के अनुरूप कार्रवाई करें। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो दोबारा हाई कोर्ट की शरण लेते हुए अवमानना याचिका दाखिल की है।