चंडीगढ, 12 जुलाई, 2018: पूरा जीवन उच्च पदों पर आसीन रहते हुये या अपना कारोबार करने वाले प्रतिष्ठित लोग भी बुढापे में अपनो अनदेखी और अकेलेपन का शिकार होने पर मजबूर हो जाते हैं। ऐेसे ही बुजर्गो को उनके जीवन के अंतिम पडाव में ‘लाईक माईंडिड’ लोगों के बीच बेहतर छत मुहैया करवाने का बीडा उठाया है दोराहा स्थित हैवेनली पैलेस सीनियर सिजिटंस होम्स ने जो कि प्रसिद्व अर्थशास्त्री और पदम्विभूषण डा एसएस जोहल की देखरेख में चल रहा है। डाक्टर जौहल जहां अब तक पंजाब के अलावा देश विदेश की सरकारों को विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देते रहे हैं वहीं अब वे इस संस्था से जुडकर बुजर्गो को छत मुहैया करवाने का प्रण लिया है।
आज चंडीगढ प्रेस कल्ब में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान डा जौहल ने घोषणा कि है साठ वर्ष से अधिक आयु के वृद्वों के लिये इस होम के द्वार खुले है। दोराहा स्थित यह सीनियर सिजिटंस होम 14 एकड की भूमि पर फैला हुआ है जिसमें 320 सिंगल रुम्स और स्यिूट्स उपलब्ध है। यह होम निशुल्क छत और खाना उपलब्ध करवाता है जबकि विशेष दरों पर कुछ सेवायें जैसे फिजिकल सैक्योरिटी, चौबिस घंटे मैडीकल केयर, मनोरंजन, फिजियोथैरेपी, योगा व जिम, सिनेमा सहित अनेको सुविधायें अपने प्रांगण में उपलब्ध करवाये जाते है। जौहल ने बताया कि ‘ड्रीम एंड ब्यूटी चैरिटेबल ट्रस्ट’ के अंर्तगत समाजसेवी एनआरआई अनिल मोंगा ने इस होम की शुरुआत की थी जिसमें अब वर्तमान में 180 वृद्व यहां रहते हैं। रेजिटेंड्स में आम लोगों के साथ साथ उच्च पदों जैसे रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, जज, बैंकर्स, व्यावसायी व अन्य कार्यक्षेत्रों के लोग को अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं।
कर्नल संजय भाटिया ने बताया कि ट्रस्ट पिछले दो दशको से समाजिक कार्यो में प्रयासरत है। डीबीसीटी अपने ‘ब्रहम भोग’ और ‘मार्गदर्शक’ जैसे कार्यक्रमों के अंर्तगत जरुरतमंदों और युवा व महिलाओं को सशक्त करने में जुटा हुआ है।
डाक्टर जौहल ने इस बात पर बल दिया कि सरकारों व संगठनों द्वारा युवाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों के बीच सीनियर सिटिजंस के लिये सम्मानजनक जीवनयापन के लिये विशेष योजनायें गठित की जानी चाहिये जहां हैवेनली होम जैसे संगठन काफी कारगर सिद्व हो जाते हैं।