Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

मूडीज ने किया रैंकिंग में सुधार, काम कर गई अरविंद सुब्रमण्यन की फटकार!

0
210

महज 6 महीने पहले ही मोदी सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग्स एजेंसी मूडीज में खामियां गिना रहे थे. अब जब 13 साल लंबे इंतजार के बाद पहली बार भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार किया गया है तो जाहिर है कि रेटिंग एजेंसी ने अपनी खामियों को सुधार लिया है.
शुक्रवार को मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने जब भारत की सॉवरेन रेटिंग को Baa3 से बढ़ाकर Baa2 कर दिया तो अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि मूडीज द्वारा क्रेडिट रेटिंग में सुधार का लंबे समय से इंतजार था.
सुब्रमण्यन ने कहा मूडीज के इस फैसले से मोदी सरकार के बड़े आर्थिक सुधार जैसे जीएसटी, बैंक रीकैपिटलाइजेशन प्लान, बैंकरप्सी कोड और मैक्रो स्टैबिलिटी पर मुहर लगी है. वहीं 6 महीने पहले सुब्रमण्यन से दावा किया था कि मूडीज समेत अन्य रेटिंग एजेंसियां भारत में लगातार हो रही आर्थिक सुधार की कवायद को नजरअंदाज कर रही है.
क्या था अरविंद का दावा?
इस साल मई में अरविंद सुब्रमण्यन ने मूडीज की भर्त्सना करते हुए कहा था कि उसने भारत की लगातार सुधरती आर्थिक स्थितिको नजरअंदाज करते हुए क्रेडिट रेटिंग को कायम रखा गया है. सुब्रमण्यन ने यह भी कहा था कि पश्चिमी देशो की ये रेटिंग एजेंसियां भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का सही आंकलन नहीं करती है.
छह महीने पहले के बयान के मुताबिक सुब्रमण्यन ने दलील दी थी कि मूडीज ने भारत को न्यूनतम ग्रेड दिया है जिससे ग्लोबल मार्केट में महंगा कर्ज लेना उसकी मजबूरी बनी रहे. क्योंकि न्यूनतम ग्रेड का साफ मतलब होता है कि उक्त देश में निवेश करना खतरनाक है लिहाजा अधिक ब्याज पर ही कोई निवेशक देश में पैसा लेकर आएगा. इस दलील के साथ सुब्रमण्यन ने कहा था कि भारत और चीन को इन रेटिंग एजेंसियों के ग्रेड पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
कैसे बदल गया मूडीज?
मूडीज ने पिछली बार भारत की रेटिंग में इजाफा 2004 में किया था. लेकिन 2015 में मोदी सरकार बनने के एक साल बाद उसने भारतीय अर्थव्यवस्था के आउटलुक को स्थिर से सकारात्मक कर दिया था. लिहाजा, मूडिज द्वारा एक बार फिर रेटिंग में सुधार का साफ मतलब है कि यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छा साबित होगा. क्योंकि एक बार फिर 13 साल के अंतराल के बाद भारत एक बार फिर सकारात्मक से स्थिर अर्थव्यवस्था के तौर पर देखा जाएगा. मूडीज के मुताबिक मोदी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों से देश पर बढ़ता कर्ज स्थिर हो जाएगा.
मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में किए गए इस सुधार के बाद अन्य रेटिंग एजेंसियां जैसे स्टैंडर्ड एंड पुअर और फिश अपनी भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने आंकलन को सुधारने की कवायद करेगी. मूडीज रेटिंग अपने ग्रेड निर्धारण के लिए विश्व बैंक द्वारा दी जाने वाली ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रेटिंग को आधार मानती है. वहीं हाल में आई विश्व बैंक की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रेटिंग में भारत 30 पायदान उछलकर 100वें नंबर पर पहुंच गया था.