राज्य में जंगी विधवाओं और पूर्व सैनिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए निजी तौर पर पत्र लिख रहे हैं कैप्टन अमरिन्दर सिंह
चंडीगड़, 18 जुलाई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जंगी विधवाओं की काफी देर की मांग को स्वीकार करते ज़मीन की जगह पर नकद राशि देने की स्वीकृति दे दी है।
इस नीति में किया गया बदलाव 1962 की भारत-चीन जंग और 1965 की भारत-पाक जंग के शहीदों की विधवाओं और उनके आश्रितोंं और पूरी तरह नाकारा हो चुके सैनिकों के इलावा 1971 की भारत-पाक जंग की विधवाओं पर लागू होने योग्य होगा।
मुख्य मंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने यह प्रगटावा करते हुए बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने व्यक्तिगत योग्यता मुताबिक एक एकड़ ज़मीन के एवज़ में पांच लाख रुपए और 10 एकड़ के लिए अधिक से अधिक 50 लाख रुपए की राशि देने के लिए हरी झंडी दे दी है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण विभाग को जंगी विधवाओं को अति अपेक्षित राहत देने के लिए यह नकद राशि इनको शीघ्र अति शीघ्र बांटने के आदेश दिए हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जंगी विधवाओं और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अपनी वचनबद्धता को दोहराया हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की तरफ से अर्ध-सरकारी पत्रों के द्वारा निजी स्तर पर भी राज्य में सभी जंगी विधवाएं और पूर्व सैनिकों के साथ संपर्क बनाना शुरू किया गया है। सत्ता की बागडोर संभालने वाले दिन से लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से जंगी विधवाएं और पूर्व सैनिकों की कुशलता पूछने के लिए ऐसे पत्र लिखे जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य मंत्री ने पूर्व सैनिकों के लिए अपनी सीधी निगरानी अधीन मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सैल कायम किया है जिसके द्वारा इनके साथ जुड़े अलग-अलग मसलों की नजऱसानी किया जाती है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में पूर्व सैनिकों को पूरा मान-सम्मान देने और सहायता करने के लिए सिविल और पुलिस आधिकारियों को आदेश जारी किये हैं।