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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

मसूद पर प्रतिबंध के लिए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में दिया प्रस्‍ताव

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नई दिल्‍ली. पुलवामा हमले जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के चीफ मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र (यूएन) की सुरक्षा परिषद में प्रस्‍ताव लाया गया है। बुधवार को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने यह प्रस्ताव दिया। हालांकि, चीन ने प्रस्‍ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस प्रस्‍ताव में पुलवामा आतंकी हमले का भी जिक्र किया गया है।

फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने प्रस्ताव में मसूद की वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने और उसकी सभी संपत्ति फ्रीज करने की मांग भी रखी गई है। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में भारतीय सुरक्षाबलों के 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

1 मार्च को फ्रांस बन जाएगा सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष
फ्रांस सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और उसके पास वीटो की पॉवर है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मसूद पर प्रतिबंध लगाने के लिए फ्रांस प्रस्ताव तैयार कर रहा है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने बदल जाता है। एक मार्च को इसकी अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी। वह मसूद पर तैयार किए जा रहे प्रस्ताव को प्रतिबंध समिति के सामने रखेगा। इसे फ्रांस के राष्ट्रपति की अनुमति के बाद आगे बढ़ाया जाएगा।

मोदी सरकार कर चुकी कोशिश
2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमले के लिए भारत सरकार ने मसूद को दोषी ठहराया था। इसके बाद फरवरी में यूएन के सामने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, चीन ने पहले मार्च 2016 और फिर अक्टूबर 2016 में भारत की कोशिशों को रोक दिया। आखिर में दिसंबर 2016 में चीन ने इस प्रस्ताव के विरोध में वीटो का इस्तेमाल कर दिया।

अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन पहले भी पेश कर चुके प्रस्ताव
मोदी सरकार की कोशिशों के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर 19 जनवरी 2017 को मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया, लेकिन चीन ने तकनीकी तौर पर इसे गलत बताकर प्रस्ताव को रोक दिया। भारत 26/11 हमलों के बाद से ही मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग उठाता आ रहा है, लेकिन उसकी कोशिशों में हर बार चीन अड़ंगा डाल देता है। भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं में कई बार अजहर का जिक्र हुआ, लेकिन इस पर दोनों ही देशों में कोई सहमति नहीं बन पाई।

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मसूद अजहर। -फाइल फोटो