पानीपत(मनोज कुमार).बिजली निगमों के डिफाॅल्टरों में एक लाख से ज्यादा अपना घर बदल चुके हैं, दूसरी जगह जा चुके हैं। इसलिए निगम के कर्मचारी अब उन्हें ढूंढ-ढूंढकर उनके बकाया बिलों की वसूली करेंगे। इसके लिए निगम की ओर से प्लानिंग की जा रही है।
अभी बिलों के निपटान के लिए 31 जनवरी तक बिजली निपटान योजना का समय बढ़ाया जा चुका है। अब इस तक इस योजना के तहत निगमों में तीन हजार करोड़ के बिल निपटा दिए हैं। इनमें 2600 करोड़ रुपए का जुर्माना और ब्याज माफ करते हुए निगमों ने 400 करोड़ रुपए जमा किए हैं। अभी दो हजार करोड़ रुपए के बिल और बाकी हैं। एक बार डिफाॅल्टर राशि जीरो करने के बाद यह दोबारा बिल पेंडिंग न हो, इसके लिए भी निगम अगले पांच वर्ष तक की प्लानिंग कर ली है। अब स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जो प्री-पेड और पोस्ट पेड होंगे। जो मोबाइल बिलों की तरह जमा होंगे।
यदि कोई प्री-पेड कनेक्शन लेगा तो उसे पहले मीटर रीचार्ज करना होगा और पोस्ट पेड वाले को महीने पर बिल जमा कराना होगा। जैसे ही राशि खत्म होगी, बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी। निगमों की ओर से करनाल, पानीपत और गुड़गांव की प्लानिंग कर ली है और यहां दस लाख मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही 10 लाख और मीटर खरीदने की योजना निगम बना रहे हैं। दावा है कि अगले पांच साल तक सभी शहरों में यह स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। इसके बाद निगम ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ेंगे।
बिजली निगम के सीएमडी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि बिजली बिल निपटान योजना का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। जो रह गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जा रहा है। काफी लोग मकान बदल चुके हैं और बिल उनके नाम पेंडिंग चल रहे हैं। यदि 31 जनवरी तक वे सामने नहीं आते हैं तो उनसे संपर्क कर बिलों का निपटान किया जाएगा। बिजली निगमों की ओर से सरकारी विभागों की बकाया करीब 700 करोड़ रुपए का सेटलमेंट भी बिजली बिल निपटान योजना में कर दिया गया है। बिल बकाया होने से कई बार निगमों की ओर से विभागों के कनेक्शन तक काटे गए थे।
सब डिविजन होंगे कंप्यूटराइज्ड :
स्मार्ट मीटर के साथ निगम अपने सब डिविजनों को भी कंप्यूटराइज्ड कर रहा है। 155 सब डिविजन को कंप्यूटराइज्ड कर किया है। 155 सब डिविजन बाकी है, जिन पर काम किया जा रहा है। सभी काम ऑन लाइन होंगे। जिससे बकाया बिलों की जानकारी भी तुरंत निगम अफसरों को मिल जाएगी।
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