चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रधान और केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने गुरुद्वारों में जाति के नाम पर दलित सिखों के साथ होते भेदभाव को तुरंत बंद करवाने की श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से अपील की है। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को लिखे पत्र में सांपला ने कहा कि सिख पंथ में दलितों के साथ भेदभाव का यह रुझान बेहद चिंताजनक है।
सांपला ने कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब जी से लेकर दसवीं पातशाही तक समूह गुरु साहिबान ने जाति की गलत सोच को भुलाकर प्यार व आपसी भाइचारे से संपन्न समाज रचने का संदेश दिया था। उन्होंने लिखा है कि कुछ प्रभावशाली सिख जातीय भेदभाव कर सिख धर्म की मर्यादा को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे गुरुद्वारों व सिखी में आस्था रखने वाले लोगों के मन को ठेस पहुंच रही है। यदि ऐसे लोगों पर जल्द अंकुश न लगाया गया तो समाज को एक बेमतलब बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
सांपला ने संगरूर जिले के गांव मानावाल में दलित परिवार को गुरुद्वारा साहिब में अंतिम अरदास न करने देने की घटना व श्री चमकौर साहिब के निकट गांव बरसालपुर में एक दलित को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप पिता का अंतिम अरदास के लिए देने से मना करने की घटना की निंदा की।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की रचना के मौके पांच प्यारों का चुनाव अलग-अलग जातियों से करके आपसी मेलजोल का उपदेश दिया था। किसी भी जाति के व्यक्ति जो गुरु मर्यादा के तहत अंतिम अरदास या आनंद कारज आदि करवाता है, उसको अधिक तवज्जो दी जानी चाहिए।उन्होंने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को अपील की कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वह जल्द ही कदम उठाएं। सांपला ने जत्थेदार साहिब से निवेदन किया कि गांवों में जाति आधारित गुरुद्वारों व श्मशानघाट स्थापित करने के रुझान को भी तुरंत रोक दलित सिखों में एक सकारात्मक संदेश देना चाहिए।