Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल: मोदी बोले- दुनिया के लिए प्रेरणा बना भारत का संघर्ष

0
307
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन गौरव का दिन है. मोदी ने कहा कि इस आंदोलन को 75 साल हो गए हैं, देश के स्वतंत्रता में इसका काफी महत्व था. अंग्रेजों ने इसकी कल्पना नहीं की थी.
पीएम ने कहा कि उस समय महापुरुषों के बलिदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है. जब इस आंदोलन के 25 साल और 50 साल हुए थे तब भी इसका महत्व था लेकिन 75 साल पूरे होना बड़ी बात है. देश के इतिहास में 9 अगस्त की बड़ी भूमिका थी, अंग्रेजों ने इसकी कल्पना नहीं की थी. उस दौरान महात्मा गांधी और बड़े नेता जेल गए थे, तब नए नेताओं ने जन्म लिया था. जिनमें लाल बहादुर शास्त्री, राममनोहर लोहिया जैसे नेता शामिल थे.
मोदी ने कहा कि 1857 से 1947 तक आजादी के आंदोलन के अलग-अलग पड़ाव आए, देश के सभी लोगों को ये घटनाएं याद हैं. इस आंदोलन ने आजादी का रास्ता तैयार किया था. 1857 का संग्राम देश के हर कोने में लड़ा गया, उसके बाद महात्मा गांधी का भारत लौटना, उनका डांडी मार्च करना, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इसमें अहम योगदान दिया था.
इस आंदोलन से लोगों को लगने लगा था कि अब नहीं तो कभी नहीं होगा. पहले कभी लगता था कि आंदोलन सिर्फ कुछ लोगों के द्वारा ही चल रहा है लेकिन 1942 के आंदोलन में सभी का साथ मिला. इस आंदोलन में नारा था कि भारत छोड़ो, इस दौरान महात्मा गांधी का ‘करेंगे या मरेंगे’ कहना बड़ी बात है. उस दौरान गांधी ने कहा कि मैं स्वतंत्रता से कम पर संतुष्ट होने वाला नहीं हूं. हम या तो करेंगे या मरेंगे. 
पीएम ने कहा कि उस समय समाज के सभी वर्ग जब इस आंदोलन में जुड़ गया जिससे इसमें तेजी आई. महात्मा गांधी ने कहा था कि इस दौरान कोई भी मरेगा तो उसके शरीर पर करेंगे या मरेंगे की पट्टी लगानी चाहिए. मोदी बोले कि जब सभी लोगों ने एक साथ इसकी लड़ाई लड़ी तो हमें 1942 से 1947 तक के आंदोलन में हमें आजादी मिल जाती है.
पीएम ने कहा कि रामवृक्ष बेनीपुरी ने एक किताब लिखी है जंजीरें और दीवारें जिसमें उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति नेता बन गया, देश का हर चौराहा करो या मरो का दफ्तर बन गया. मुंबई ने रास्ता दिखा दिया, आने-जाने के सभी रास्ते बंद हो गए थे. जनता ने करो या मरो के गांधी वादी मंत्र को दिल में बैठा लिया था.
मोदी बोले कि भारत के आजाद होने से पूरी दुनिया में बड़ा संदेश गया और उन जगहों पर भी आजादी का आंदोलन शुरू हुआ था. पीएम ने कहा कि हमारे लिए सबक है कि जब हम एक होकर आगे बढ़ते हैं तो हम देश को आगे बढ़ा सकते हैं. मोदी ने सोहनलाल द्विवेदी की कविता भी पढ़ी, उन्होंने ‘उसी ओर’ कविता की पंक्तिया सुनाई.
पीएम ने कहा कि आज जब हम 2017 में है तो हमारे पास गांधी नहीं है, उस समय जैसा नेतृत्व नहीं है. लेकिन 125 करोड़ देशवासियों के पास ये क्षमता है कि हम गांधी के सपनों को पूरा कर सकते हैं. उस समय भी भारत के लिए अनुकूल माहौल था और आज भी देश के लिए अनुकूल माहौल है. भारत एक बार फिर दुनिया के लिए प्रेरणा बन सकता है.
मोदी ने कहा कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है, राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति होती है. भ्रष्टाचार के दीमक ने देश को तबाह कर दिया था, हमें इस स्थिति को बदलना होगा. हमारे सामने गरीबी, कुपोषण और शिक्षा की चुनौती है ये सिर्फ सरकार की नहीं देश की चुनौती हैं. 1942 में भी अलग विचारधारा के लोग थे, अब भी ऐसा है.