बेघर लोगों का फुटबॉल वर्ल्ड कप कल से, 47 देशों के 500 खिलाड़ी ले रहे हिस्सा

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मैक्सिको सिटी. बेघर लोगों का फुटबॉल वर्ल्ड कप (होमलेस वर्ल्ड कप) मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसके 16वें सीजन में भारत समेत 47 देशों के 500 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। डिफेंडिंग चैम्पियन ब्राजील भी अपना खिताब बचाने उतर रहा है। ब्राजील की टीम सबसे ज्यादा तीन बार चैम्पियन बनी है। इस टूर्नामेंट का उद्देश्य खेल के जरिए बेघर लोगों के जीवन में बदलाव लाना है। साथ ही बेघरों के प्रति समाज का नकारात्मक नजरिया बदलना है।

दो लाख लोग देख सकते हैं यह टूर्नामेंट
होमलेस वर्ल्ड कप फाउंडेशन हर साल इस टूर्नामेंट का आयोजन करता है। यूरोपियन यूनियन ऑफ फुटबॉल एसोसिएशन (यूएफा) और ग्लोबल प्रोफेशनल प्लेयर्स यूनियन फिफप्रो इसे सपोर्ट करता है। मैक्सिको 2012 में भी इस वर्ल्ड कप की मेजबानी कर चुका है। आयोजकों को उम्मीद है कि इस बार लगभग दो लाख लोग इस टूर्नामेंट को देखने आएंगे। इसके अलावा लाखों लोग इसे ऑनलाइन भी देखेंगे। इस बार मैक्सिको ओलिंपिक (1968) की 50वीं सालगिरह भी है। होमलेस वर्ल्ड कप के दौरान इसे भी सेलिब्रेट किया जाएगा। इस दौरान मैक्सिको सिटी में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

2003 में हुई थी होमलेस फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत
बेघर लोगों के लिए फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत ऑस्ट्रिया के हेराल्ड शेमीड और मेल यंग ने की थी। ये दोनों ऑस्ट्रिया में स्ट्रीट अखबार चलाते थे। यह अखबार भी बेघर लोगों के सपोर्ट के लिए काम करता था। दोनों को यह आइडिया 2001 में इंटरनेशनल नेटवर्क ऑफ स्ट्रीट पेपर्स (आईएनएसपी) की एक कॉन्फ्रेंस में आया था। ये दोनों चाहते थे कि ऐसा कुछ काम किया जाए कि दुनिया भर के बेघर लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर दिखे। इसके बाद 2003 में पहला वर्ल्ड कप ऑस्ट्रिया में हुआ था। हेराल्ड की पिछले महीने 50 साल की उम्र में बीमारी से मौत हो गई।

94 फीसदी लोगों को मिला फायदा
इस वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर रिसर्च हुई। रिसर्च में सामने आया कि इस वर्ल्ड कप ने 94% लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला। 83% लोगों के परिवार और दोस्तों के बीच सामाजिक रिश्ते मजबूत हुए। 71% लोगों ने होमलेस वर्ल्ड कप के बाद अपने खेल को आगे जारी रखा। इस टूर्नामेंट में भारत की पुरुष और महिला टीम 12वीं बार उतर रही है। भारतीय खिलाड़ियों ने ट्वीट के जरिए टीम का समर्थन करने की मांग की।

तीन खिलाड़ी और एक गोलकीपर उतरते हैं
यह टूर्नामेंट 4-ए साइड है। इसकी एक टीम में तीन खिलाड़ी और एक गोलकीपर होता है। 4 सब्स्टिट्यूट भी होते हैं। मैच में 7-7 मिनट के दो हॉफ होते हैं। मैदान की साइज 22×16 मीटर होती है। जीतने वाली टीम को तीन अंक मिलते हैं। ड्रॉ होने पर शूटआउट में नतीजा निकलता है। इसमें जीतने वाली टीम को दो और हारने वाली टीम को एक अंक मिलते हैं।

एक खिलाड़ी एक बार हिस्सा ले सकता है
वर्ल्ड कप में 16 या उससे ज्यादा उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं। एक खिलाड़ी सिर्फ एक बार हिस्सा ले सकता है। वही व्यक्ति हिस्सा ले सकता है, जिसके पास घर न हो। शरणार्थी स्थल पर रहता हो। या फिर ड्रग और एल्कोहल से मुक्ति पाने के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर में हो।

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इस टूर्नामेंट में भारत की पुरुष और महिला टीम 12वीं बार हिस्सा ले रही है।