पटना, सनाउल हक़ चंचल-
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन को लेकर जारी विवादों के बीच पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जितना संभव हो सका उतने दिन सरकार चलाई, अब इस माहौल में मेरे लिए काम करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा की मैंने अंतरात्मा की आवाज सुनी और इस्तीफा देने का फैसला लिया।
इससे पहले, बिहार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मुद्दे पर महागठबंधन में जारी तकरार के बीच आज राजद विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार भी तेजस्वी के इस्तीफे की बात नहीं की. लालू प्रसाद ने एक बार फिर से स्पष्ट करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. तेजस्वी के इस्तीफे के मुद्दे पर राजद की दो टूक के बाद एक अणे मार्ग पर आयोजित जदयू विधायक दल की बैठक बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौप दिया है।
बताते चले की बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की भारी जीत के बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया था। महागठबंधन में जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल है। गौर हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 243 सदस्यीय सदन में 178 सीटें प्राप्त हुई थी। राजद को 80, जद (यू) को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली हैं। नीतीश कुमार ने पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी।
पहली बार : 03 मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने, पर्याप्त बहुमत नहीं था इस लिए इस्तीफा दे दिया…
दूसरी बार : 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, पूरे पांच साल तक चली सरकार…
तीसरी बार : 26 नवंबर 2010 से 17 मई 2014 तक बीजेपी के साथ मिलकर फिर सरकार बनाई, लोकसभा चुनाव के पहले गठबंधन टूटा…जीतनराम मांझी को सीएम बनाया
चौथी बार : 22 फरवरी 2015 से 26 जुलाई 2017 तक..