Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

बिना फायर एनओसी लिए चल रही आयुर्वेद डिस्पेंसरी, पीएम ने इसी डिस्पेंसरी में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का किया उद्घाटन

0
296

शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन से ही पंचकूला समेत राज्य के 10 जिलों मंे आयुर्वेद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया है। पंचकूला में यह सेंटर सेक्टर-9 की आयुर्वेद डिस्पेंसरी में खोला गया है। यहां पर रोजाना 100 से ज्यादा मरीज अपने इलाज के लिए आते हैं। हैरानी की बात यह है कि जिस बिल्डिंग में सीएम ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोला है उस बिल्डिंग की अभी तक फायर एनओसी ही नहीं ली गई है। ऐसे में आपातकालीन परिस्थिति में लोगों की जान खतरे में आ सकती है। आयुष और फायर विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अभी तक उक्त बिल्डिंग की फायर एनओसी नहीं ली गई है। आपको बता दें कि हाल ही में डिस्पेंसरी के फर्स्ट फ्लोर का निर्माण किया गया है। उसमें सीढ़ियां ऊपर के फ्लोर पर जाने के लिए दी गई हैं। ऐसे में किसी भी आपातकालीन परिस्थिति के समय रैंप या फिर फायर सेफ्टी नहीं होेने पर लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं।

आयुर्वेदिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में करीब 50 तरह की थैरेपी की सर्विसेज लोग ले सकते हैं। इसके लिए 50 रुपए से 250 रुपए तक अलग-अलग सर्विसेज का चार्ज किया जा रहा है। दरअसल हाल ही में आयु‌ष विभाग की ओर से कुछ थैरेपी के चार्जेज को रिवाज्ड किया गया है। हालांकि रिवाइज्ड चार्ज के बावजूद विभाग की ओर से नॉमिनल चार्जेज लोगों से लिया जा रहा है।

आयुर्वेद डिस्पेंसरी के ग्राउंड फ्लोर पर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की ओपीडी है। इसके अलावा टैस्ट और मेडिसिन डिस्पेंसरी भी है। वहीं, फर्स्ट फ्लोर पर थैरेपी के अलग-अलग रूम में वुमन रूम, योगा रूम, स्वीडन रूम व थैरेपी रूम हैं।

क्या कहना है फायर ऑफिसर का: फायर ऑफिसर शमशेर मलिक ने बताया कि आयर्वेद डिस्पेंसरी की बिल्डिंग की फायर एनओसी आयुष विभाग की ओर से नहीं ली गई है। फायर एनओसी लेने के लिए मैं आयुष विभाग के अधिकारी को लेटर लिखूंगा ताकि बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के इंतजाम हों।

क्या कहना है डिस्ट्रिक्ट आयुष ऑफिसर का: डिस्ट्रिक्ट आयुष ऑफिसर दिलीप मिश्रा ने बताया कि मैं इसके बारे में डॉक्यूमेंट्स चेक करने के बाद ही कुछ बता पाऊंंगा। अभी मैं इस मामले में कोई कमेंट नहीं करना चाहूंगा।

आपको बता दें कि शहर में ज्यादातर सरकारी विभागों की ओर से बिल्डिंग में फायर सेफ्टी की एनओसी या तो नहीं ली गई है या फिर रिन्यू नहीं करवाई है। 200 से ज्यादा सरकारी दफ्तरों में कार्यरत हजारों सरकारी कर्मचारियों की जान खतरे में आ सकती है। इस पर न तो जिला प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न ही नगर निगम कोई सुध ले रहा।

ये हैं बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के नियम…

आपको बता दें कि आयुष विभाग की ओर से हाल ही में आयुर्वेद डिस्पेंसरी की बिल्डिंग में फर्स्ट फ्लोर का निर्माण किया गया है। इस बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन कम्प्लीट होने के तुरंत बाद फायर एनओसी के लिए आवेदन देना होता है। इसके बाद फायर विभाग की ओर से फायर ऑफिसर और उसके कर्मचारी बिल्डिंग का इंस्पेक्शन करते हैं और उनके मुताबिक फायर सेफ्टी इक्विपमेंट लगाए जाते हैं। जिससे किसी भी आगजनी की घटना के दौरान इनका इस्तेमाल किया जा सके।