सुखबीर सिंह बाजवा, चंडीगढ़.बरगाड़ी बेअदबी कांड और उसके बाद बहबलकलां में हुए गोलीकांड की घटना में कई चीजों को छिपाया गया है। सच्चाई सामने नहीं आने दी गई। यह बात पूर्व डीजीपी एसएस विर्क ने कही है। उनका कहना है कि इसकी जांच के लिए गठित जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन अब तीन साल बाद उन छिपाई हुई चीजों को सामने लाया है।
ऐसे में उस जांच के अनुसार जो लोग दोषी बताए जा रहे हैं, उन पर कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। अगर बादल साहब का कहना है कि उन्होंने गोली चलाने के आदेश नहीं दिए थे तो घटना के बाद इस मामले में किसी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जिसने भी गोली चलाई, उन पर अगले दिन कार्रवाई जरूर होनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट सारी बातें छिपा दी गईं और सच्चाई बाहर नहीं आने दी गई।
उन्होंने कहा कि कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार बरगाड़ी बेअदबी कांड के विरोध में वो लोग शांति से बहबलकलां के कोटकपूरा चैक पर बैठकर पाठ करते हुए धरना दे रहे थे। उन लोगों ने न कोई रास्ता रोक रखा था और न ही किसी तरह की अहिंसात्मक कार्रवाई की। ऐसे में उन पर लाठीचार्ज करने या गोली चलाने की जरूरत ही नहीं थी।
पहली बार सुना, कोई अकाल तख्त के सामने पेश भी न हो और उसे माफी मिल जाए :विर्क ने कहा कि कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार बरगाड़ी बेअदबी कांड के पीछे कारण डेरा सिरसा मुखी को माफी देना बताया जा रहा है। उसके अनुसार पहले तो जो व्यक्ति कभी अकाल तख्त के सामने पेश ही न हुआ हो और उसने माफी के लिए अर्जी ही न दी हो, उसे अकाल तख्त से माफी दिए जाने की बात पहली बार ही सामने आई।
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