फिरोजपुर। छुटटी मिल गर्इ है, कल सुबह घर आ रहा हूं, साग बनाकर रखना, सभी साथ बैठकर खाएंगे। गांव लोहगढ़ निवासी फौजी जगसीर सिंह ने फोन कर यह बात पत्नी महेंद्र पाल कौर को कही थी। इसके बाद पिता अमरजीत सिंह खेतों से ताजे साग ले आए और उसे खुद ही साफ किया। साग बनाने की तैयारी चल ही रही थी कि बेटे की शहादत की खबर आ गई आैर फिर मातम पसर गया। कभी हंसते गाते घर आने वाले बेटे का पार्थिव शरीर साेमवार को तिरंगे में लिपटा आएगा।
पाक गोलीबारी में शहीद हुए जगसीर सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर गांव पहुंचेगा
बहादुर जगसीर की शहादत से दो कमरों के छोटे से घर में रहने वाले परिवार पर दुःखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। शनिवार को बेटे के छुट्टी पर आने की खबर से माता, पिता, पत्नी व बच्चे सभी खुश थे कि नए साल पर जगसीर उनके बीच होगा। परिजनों ने सोचा नहीं था कि सब कुछ ऐसे खत्म हो जाएगा। गांव में जिसने भी यह मनहूस खबर सुनी सन्न रह गया और लोग शहीद के घर पर पहुंचने लगे।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में रविवार की सुबह पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी में 19 पंजाब यूनिट के सिपाही जगसीर सिंह रविवार की सुबह शहीद हो गए। वह सेना में 2004 में भर्ती हुए थे। 30 साल के जगसीर के तीन बच्चे हैं।
जगसीर के पिता अमरजीत सिंह ने कहा कि उनका बेटा देश के काम आया है और उन्हें इस बात का गर्व है, लेकिन हमारी ताे दुनिया ही उजड़ गई है। जगसीर छुटटी आने वाला था आैर पूरे परिवार में खुशी थी। बच्चों से उसका बड़ा लगाव था और वे उसके साथ नए साल का जश्न मनाने के ख्याल से काफी खुश थे। जगसीर की दो बेटियां और एक बेटा है। उनके परिवार में पिता अमरजीत सिंह के अलावा माता गुरमीत कौर, पत्नी महेंद्र पाल कौर, सात साल की बेटी नगमजीत कौर, पांच साल की गुनरीत कौर तथा दो साल जगदीश है।
जगसीर की शहादत पर पूरे गांव को नाज : सरपंच
गांव के सरपंच मलकीत सिंह ने कहा कि जगसीर सिंह बहुत ही बहादुर जवान था। उसने निडर होकर पाकिस्तानियों का मुकाबला किया। उसकी शहादत पर पूरे गांव को गर्व है। दुःख की इस घड़ी में पूरा गांव शहीद के परिवार के साथ है। जिला उपायुक्त (डीसी) रामवीर ने बताया कि सोमवार दोपहर तक शहीद जगसीर का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचेगा। शहीद का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।