चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। व्लॉगिंग को एक पूर्णकालिक पेशे के रूप में अपनाने हेतु अधिकाधिक युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से, शहर के एक प्रसिद्ध यूट्यूबर, ऋषि अरोड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल ऋषि अरोड़ा पर एक लाइव वर्कशॉप का आयोजन किया। ऋषि अरोड़ा युवाओं के लिए बी घेंट और ऋषि अरोड़ानाम से हिंदी के दो चैनल चलाते हैं जो पुरुषों के फैशन, जीवन शैली और ऐसे विषयों पर केंद्रित हैं जो युवाओं के लिए उपयोगी हैं। देश भर के 5189 नवोदित व्लॉगर्स और वीडियो सामग्री तैयार करने वालों ने 45 मिनट की इस ऑनलाइन कार्यशाला में भाग लिया और व्लॉगिंग की बारीकियों को सीखा।इंटरैक्टिव सैशन के दौरान, ऋषि ने ऑनलाइन सामग्री तैयार करने वाले उत्साही रचनाकारों को अद्वितीय किस्म की सामग्री तैयार करने और नतीजे के बारे में चिंता न करने का सुझाव दिया। व्लॉगिंग के रहस्य उजागर करते हुए, ऋषि ने कहा कि कंटेंट क्रिएटर्स को पहले तो अपने विचारों पर भरोसा करना चाहिए और पहले से ही कामयाब दूसरे लोगों की नकल नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी खूबियां और कमजोरियां होती हैं, ऐसे में व्यक्ति को अपनी खूबियों पर गौर करना चाहिए और उन्हें विकसित करते रहना चाहिए।ऋषि ने कहा, लाइव वर्कशॉप के आयोजन का मुख्य उद्देश्य नवोदित रचनाकारों को प्रेरित करना और उन्हें सही दिशा देना था। डिजिटल युग में यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया और कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अब लोग इसे एक गंभीर पेशे के रूप में देखते हैं और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।उन्होंने कहा, जब किसी पेशे को चुनने की बात आती है, तो हमारे माता-पिता इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अभिभावक ज्यादातर पारंपरिक व्यवसायों पर भरोसा करते हैं और अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या क्रिकेट खिलाड़ी ही बनाना चाहते हैं। लेकिन डिजिटल दुनिया ने रचनात्मक लोगों के लिए अवसरों के द्वार खोलकर इस प्रवृत्ति को बदल दिया है, और आज का युवा मुख्य रूप से वीडियो स्पेस में ऑनलाइन सामग्री तैयार करने के काम को एक अच्छे और सम्मानजनक कैरियर के रूप में देखता है।एक प्रतिभागी द्वारा यह पूछे जाने पर कि शुरुआत में किस तरह के उपकरणों की आवश्यकता होती है, ऋषि ने जवाब दिया कि एक व्लॉग शुरू करने के लिए महंगे कैमरों और फैंसी स्टूडियो की आवश्यकता नहीं है। कोई भी शुरुआती स्टेज में कम बजट में सीमित संसाधनों के साथ भी अपना चैनल शुरू कर सकता है। वैसे जिस तरह के उपकरणों की आवश्यकता होती है, उनमें एक कैमरा, माइक्रोफोन और संपादन के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप शामिल हैं।ऋषि के लिए यूट्यूबर के रूप में अपनी पहचान बनाना इतना आसान नहीं रहा। पंजाब के फिरोजपुर का एक मध्यमवर्गीय लडक़ा, ऋषि शुरू में मैकडॉनल्ड्स ड्राइव-थ्रू में एक कैशियर और डिशवॉशर के रूप में काम करता था। अपने सपने को हकीकत में बदलने से पहले उसने कई छोटी-छोटी नौकरियां कीं। शुरुआत में यह पता करने में उसे काफी समय लगा कि उसे किस प्रकार के वीडियो बनाने चाहिए। इसके लिए बहुत संघर्ष भी किया। ऋषि ने एक-एक करके चार यूट्यूब चैनल शुरू किए, जो चल नहीं पाए। लेकिन, उन्होंने जब पुरुषों के फैशन व्लॉगिंग स्पेस बी घेंटऔर ऋषि अरोड़ा नाम से अनूठा स्टार्टअप स्थापित करने के बारे में सोचा तो उन्हें कामयाबी मिलने लगी।
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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020