बुडापेस्ट (हंगरी). भारत की पूजा ढांडा ने यहां विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के महिला फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता। वहीं रितुफोगाट कांस्य पदक जीतने से चूक गईं। पूजा विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली भारत की चौथी महिला पहलवान हैं। पूजा से पहले अलका तोमर ने 2006, जबकि गीता और बबीता फोगाट ने 2012 में भारत के लिए कांस्य पदक जीते थे। इस टूर्नामेंट में भारत का यह दूसरा पदक है। इससे पहले बजरंग पुनिया ने पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था।
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पूजा ने कांस्य के लिए हुए मुकाबले में नार्वे की ग्रेस जैकब को 10-7 से हराया। वहीं, 50 किग्रा वर्ग में रितु को यूक्रेन की ओकसाना लिवच ने 10-5 के बड़े अंतर से शिकस्त दी। पूजा ने रेपचेज में अजरबेजान की एलोना कास्निक को 8-3 से हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में प्रवेश किया था।
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पदक जीतने के बाद पूजा ने कहा, ‘मैं खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं अपने इस प्रयास से बहुत खुश हूं। शुरुआत में मुझे काउंटर अटैक का मौका मिला और मैंने अच्छा लीड किया। मुझे मुकाबला जीतने का भरोसा था।’
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अन्य भारतीय महिला पहलवानों में नवजोत कौर (68) रेपचेज में हार गयीं। पिंकी (53), सीमा (55), सरिता (59), रजनी (72) और किरण (76) पदक होड़ में नहीं जा सकी हैं। भारत की 10 महिला पहलवानों में से सिर्फ पूजा ही पदक जीत पाईं।
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विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के इतिहास में भारत का यह 12वां पदक है। पुरुष वर्ग में सुशील कुमार (2010, स्वर्ण), विशम्भर सिंह (1967, रजत), अमित कुमार दहिया (2013, रजत) और बजरंग पुनिया (2013 में कांस्य और 2018 में रजत) पदक जीत चुके हैं।
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इनके अलावा उदय चंद ने 1961, रमेश कुमार ने 2009 और नरसिंह यादव ने 2015 में कांस्य पदक जीत थे। बजरंग विश्व चैम्पियनशिप में दो पदक जीतने वाले इकलौते भारतीय हैं।
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ग्रीको रोमन मुकाबलों में उतरे चारों भारतीय पहलवानों को हारकर का सामना करना पड़ा। इस वर्ग में विजय (55), गौरव शर्मा (63), कुलदीप मलिक (72) और हरप्रीत सिंह (82) शुरुआती दौर में ही हार गए।
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विजय को चीन के लिगुओ काओ ने 9-1, गौरव को पोलैंड के माइकल जैसेक ने 7-3, कुलदीप को जापान के तोमोहिरो इनोयू ने 9-0 और हरप्रीत को मोरक्को के जैद ओगरेम ने 14-5 से हराया। भारतीय खिलाड़ियों को हराने वाले पहलवान अगले राउंड में हार गए। इससे भारतीय पहलवान रेपचेज राउंड में नहीं पहुंचे।