जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सेक्टर के अवंतीपुरा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए. सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया. इनमें से एक आतंकी की शिनाख्त श्रीनगर में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल के बेटे के रूप में हुई है.
फिदायीन आतंकी फरदीन अहमद खांडे महज 16 साल का है. कुछ महीने पहले ही वह आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. फरदीन के पिता गुलाम मोहम्मद खांडे जम्मू कश्मीर पुलिस में पुलिस कांस्टेबल हैं.
जानकारी के मुताबिक, ये आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर बॉय रहे बुरहान वानी के गांव त्राल का रहने वाला था. 10वीं में पढ़ने के दौरान ही उसने जैश-ए-मोहम्मद ज्वाइन कर ली थी. तीन-चार महीने में उसका इस तरह ब्रेन वॉश किया गया कि वह फिदायीन हमलावर बन गया.
सीआरपीएफ ने बताया कि दूसरे आतंकी की शिनाख्त मंजूर बाबा के रूप में हुई है. 22 साल का मंजूर पुलवामा का ही रहने वाला था. उसके पिता का नाम अली अहमद है. वहीं, तीसरे आतंकी की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है.
बताया जा रहा है कि तीसरा आतंकी शाम तक बिल्डिंग में ही छिपा हुआ था. सीआरपीएफ ने बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में धमाका किया था. उसके बाद से फायरिंग नहीं हुई. ऐसे में माना जा रहा है कि धमाके में तीसरा आतंकी भी मारा गया है. फिलहाल वहां सर्च ऑपरेशन जारी है.
पुलिस कांस्टेबल के बेटे के रूप में एक फिदायीन की शिनाख्त होने से सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस हैरान है. 2003 के बाद ऐसा पहला मौका है, जब कोई स्थानीय कश्मीरी की फिदायीन के तौर पर शिनाख्त हुई हो.
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ स्थानीय आतंकियों को आतंक के रास्ते से हटाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. उनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. लेकिन, इसके बाद भी स्थानीय आतंकी सामने आ रहे हैं.
बता दें कि शनिवार देर रात करीब 2 बजे 3 आतंकी सीआरपीएफ के कैंप में घुस गए थे. आतंकियों ने पहले ग्रेनेड से हमला किया. फिर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान सेना के 5 जवान शहीद हो गए. 3 जवान जख्मी हुए हैं. जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. आतंकी संगठन का कहना है कि यह फिदायीन हमला उनके आतंकी कमांडर नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए किया गया है.