चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे और अंतिम दिन भी सदन में भारी हंगामा हुआ। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होेते ही आप और कांग्रेस के विधायकों में तनातनी हो गई। दाेनों दल के विधायक आमने-सामने आ गए। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने भी हंगामा किया और सदन से वाकआउट किया।
विधानसभा की बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हाे गया। पहले शगुन स्कीम की राशि बढ़ाने को लेकर विवाद हुआ। प्रश्नकाल पराली के मुद्दे पर बहस की मांग हुई। इसके बाद शून्यकाल में आप विधायक दल के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा ने अवैध रेत खनन के मामले पर बहस की मांग की। इस पर हंगामा शुरू हो गया।
खैहरा ने कहा कि जस्टिस नारंग की रिपोर्ट अगस्त महीने में आ गई थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिप्स फैक्टरी पर 15 दिन के अंदर एक्शन लेने की बात कही थी। सरकार यह बताए कि इस पर क्या एक्शन लिया गया। इसके बाद आप विधायक और कांग्रेस विधायक आमने सामने हो गए। दोनों पक्षों में नोंकझोंक होने लगी। खैहरा और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच गरमा गरम बहस हुई।
इसके बाद सदन में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का मामला उठा। शिरोमणि अकाली दल के एक विधायक ने कहा कि राजा भैया कांग्रेस विधायक के घर आया था। इस पर कांग्रेस विधायक कुशलदीप ढिल्लों ने कहा कि राजा भैया राजा भैया पहले सुखबीर बादल के एस्टड फार्म पर गए थे। इसके बाद वह रात को विक्रम सिंह मजीठिया के पास रुके।
इस पर शिअद विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। शिअद के विधायक वेल में आ गए। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपनी सीट पर बैठे रहे। इसके बाद अकाली दल के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया।