चंडीगढ़। किसानों को दी जा रही बिजली सब्सिडी अब सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर होगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई। सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फतेहगढ़ साहिब जिले के तीन ब्लॉकों को चुना है। यही नहीं, बड़े किसानों को स्वेच्छा से सब्सिडी छोडऩे की एक और अपील करके सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें एक राहत भी दी है।
अब इन किसानों की मोटरों पर बिजली के मीटर लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वे लमसम बिजली के बिल दे सकते हैं। कैबिनेट की मीटिंग में सभी मंत्रियों ने बिजली सब्सिडी के मामले को गंभीरता से लागू करने की वकालत की। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने जे-पाल साउथ एशिया और विश्व बैंक से 990 कृषि ट्यूबवेलों के कनेक्शन का मूल्यांकन करने के लिए समझौता किया है।
इस पायलट प्रोजेक्ट के अधीन लाभार्थी किसानों को सब्सिडी का नकद भुगतान किया जाएगा, जो फसल की सिंचाई के लिए बिजली लागत पर आधारित होगा, जिसको पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, पंजाब राज्य किसान कमिशन, कृषि विभाग और जल स्रोत विभागों की ओर से अंतिम रूप दिया जाएगा।
किसानों को बिजली के उपभोग के लिए बिल जारी किए जाएंगे और बचत (सब्सिडी में से बिल की रकम घटाकर) को बरकरार रखने की इजाजत दी जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे संकट में घिरे किसानों पर कोई भी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, बल्कि उनको पानी की संभाल के लिए की गई बचत के बदले वित्तीय लाभ मिलेगा। पावरकॉम सभी किसानों के खातों में 48 हजार रुपये सालाना डालेगा। किसानों को यह राशि बिल के रूप में चुकानी होगी। जितनी बचत किसान करेंगे, वह उनके खातों में जाएगी।