चंडीगढ़। पंजाब की नौ जेलों में एचआइवी के 1630 मामले सामने आने के बाद इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हाई कोर्ट की निगरानी में करवाने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
मामले में याचिका दाखिल करते हुए बनूड़ निवासी करणवीर सिंह ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए बताया कि पंजाब की 9 जेलों में एचआइवी के 1630 मामले सामने आए हैं। फरीदकोट की मार्डन जेल में सबसे अधिक 439, बठिंडा जेल में 30, फिरोजपुर में 322, अमृतसर में 299, कपूरथला में 210, लुधियाना में 137, पटियाला में 75, होशियारपुर में 63 और गुरदासपुर में 55 मामले सामने आए हैं।
याची ने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण नशे के लिए इंजेक्शन को सांझा करना और सेक्चुअल कॉन्टेक्ट है। याचिकाकर्ता ने कहा कि जेल में आने वाले कैदियों का आते समय मेडिकल एग्जामिनेशन सही प्रकार से नहीं किया जाता। इसी कारण इनमें से यदि कोई एचआईवी पॉजिटिव जेल में आता है तो वह कई लोगों को इसका शिकार बना देता है। जेल प्रशासन को सभी का मेडिकल करवाना चाहिए और यदि कोई व्यक्ति जेल में आते हुए एचआईवी पॉजिटिव नहीं था और बाद में हो जाता है इस पर जांच करनी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि ईमानदार पुलिस अधिकारियों की उच्च स्तरीय एसआईटी बनाकर इस मामले की जांच की जानी चहिए। इस जांच को किसी भी प्रकार से प्रभावित होने से बचाने के लिए हाईकोर्ट को खुद इसकी निगरानी करनी चाहिए। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार और जेल विभाग को 18 मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।