पंचकूला निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन श्योराण ने आयरनमैन वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए किया क्वालीफाई
पंचकूला : पंचकूला निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन श्योराण, जो भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत के कार्यकारी अधिकारी हैं और कमोव-31 व चेतक पायलट के रूप में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, ने स्पेन के मार्बेला में होने वाले प्रतिष्ठित आयरनमैन वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है। यह असाधारण उपलब्धि न केवल देश के लिए बल्कि पंचकूला एवं हरियाणा के लिए भी गर्व का कारण है।
आयरनमैन ट्रायथलॉन विश्व के सबसे कठिन सहनशक्ति खेलों में से एक है। इसमें 1.9 किलोमीटर समुद्र में तैराकी, 90 किलोमीटर साइकिलिंग और 21.1 किलोमीटर दौड़ शामिल होती है, जिसे एक ही प्रयास में पूरा करना होता है। लेफ्टिनेंट कमांडर श्योराण ने पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया में एक फुल आयरनमैन पूरा किया था, जिसमें 3.8 किलोमीटर समुद्र तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग और 42.2 किलोमीटर मैराथन शामिल थी। उन्होंने यह दूरी 11 घंटे और 55 मिनट में पूरी की थी, जिससे उनकी असाधारण सहनशक्ति और दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन हुआ।
गोवा के आयरनमैन 70.3 में सफलता
27 अक्टूबर 2024 को लेफ्टिनेंट कमांडर श्योराण ने गोवा में आयोजित आयरनमैन 70.3 में हिस्सा लिया, जिसमें लगभग 700 एथलीट्स ने भाग लिया। उन्होंने यह चुनौतीपूर्ण स्पर्धा 5 घंटे और 45 मिनट में पूरी की और समग्र रैंकिंग में 9वें स्थान पर रहे। उनकी इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें स्पेन के मार्बेला में आयरनमैन वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्थान दिलाया।
उत्कृष्ट नेतृत्व और समर्पण
नौसैनिक युद्धपोत के दूसरे कमांड अधिकारी के कर्तव्यों को निभाते हुए कठिन एथलेटिक प्रशिक्षण करना आसान नहीं है। इसके बावजूद, लेफ्टिनेंट कमांडर श्योराण का समर्पण इस बात का प्रतीक है कि कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा अनुशासन और दृढ़ता की शक्ति का प्रमाण है।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के गौरवशाली धारक लेफ्टिनेंट कमांडर श्योराण एक सक्रिय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं को प्रेरित किया है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने हैं। उनकी यह अद्भुत उपलब्धि दर्शाती है कि कैसे व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकता है, जिससे देश और हरियाणा राज्य को गर्व का अनुभव होता है।
“उपलब्धि का संकल्प किसी भी चुनौती को पार कर सकता है,” लेफ्टिनेंट कमांडर श्योराण की यात्रा इस कथन को सत्य सिद्ध करती है और कई एथलीटों के लिए एक मिसाल कायम करती है।