संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने धर्म की राजनीति करने वालों को आगाह करते हुए कहा कि धर्म की राजनीति जब बेकाबू होती है तो वह बेलगाम हो जाती है. इसलिए इसे रोका जाना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘धर्म की राजनीति को नहीं रोका गया तो यह हिंदुओं के बीच ‘हाफिज सईद’ को पैदा कर सकता है.’
अंबेडकर ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर जो हो रहा है, यह हिटलरशाही की तरह अस्तित्व में आ रहा है. भीमा-कोरेगांव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हिंदुत्व संगठन से जुड़े लोगों ने पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों पर हमला किया. यह उसी तरह की मानसिकता को दिखा रहा है. उन्होंने कहा, ‘धर्म की राजनीति जब बेकाबू होती है तो वह बेलगाम हो जाती है. इनको रोका नहीं गया तो हिंदुओं में भी कई हाफिज सईद पैदा होंगे. धर्म के नाम पर जो ये नई व्यवस्था हो रही है ये हिटलरशाही हो रही है.’
अंबेडकर ने पिछड़े वर्ग के लोगों से अपने वोट की ताकत पहचानने का आह्वान करते हुए कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को अपना वोट चुनाव में केवल पिछड़े, आदिवासी और दलित वर्ग के उम्मीदवार को देकर सत्तासूत्र अपने हाथ में लेना होगा. उन्होंने कहा कि समाज को लोकतांत्रिक बनाने की जिम्मेदारी हमारी है. इसके लिये ओबीसी की छोटी-छोटी जातियों को मान सम्मान देना होगा. यह सम्मान की लड़ाई है और सम्मान के साथ सत्ता भी मिलती है.
उन्होंने केन्द्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह सरकार दोबारा आई तो हम जो यह बात करते हैं, यह बात करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा. इसलिए अपने अधिकार बरकरार रखने और संविधान की रक्षा के लिये हमें लड़ना होगा.’