बेशक मेरे बोलने से ये विवादित बयान लगेगा, लेकिन सच है कि आज पीएम नरेन्द्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी और नेहरू से ज्यादा सफल व्यक्ति हैं. लेकिन अटलजी से ज्यादा सम्मानित नहीं हैं. अब ये उनके लिए चुनौती है कि वो अटलजी से ज्यादा सम्मानित बनें. ये कहना है राज्यसभा सदस्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह का. खास बात करते हुए उन्होंने ये बात कही.
अमर सिंह ने कहा, “नेता वो है जो निर्णय ले, फिर वो सही हो या गलत. घोड़े पर चढ़े फिर चाहे तेज दौड़ने के कारण गिरकर अपनी हड्डियां ही तुड़वा ले. लेकिन जो गलतियों के डर से काम नहीं करे, उस विधा से अलग हमारे देश को साहसी ही नहीं दुस्साहसी पीएम मिला है.”
अपने बयानों के कारण चर्चाओं में रहने वाले इस नेता ने कहा, “सुबह के बाद शाम का होना और शाम के बाद रात का आना जितना बड़ा सत्य है, उतना ही बड़ा सत्य मोदी का देश के नेता के रूप में उभरना है. उनमें बहुत सी खासियतें हैं.”
उन्होंने कहा, “बेशक गौहत्या के मामले में उनका बयान संघ को अच्छा न लगा हो, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने पीएम के रूप में बड़ा बयान दिया. नोटबंदी जैसा अच्छा कदम उठाया. मैंने और नीतिश कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया. हालांकि हम पर बीजेपी के दल्ले होने का आरोप भी लगा.”
नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि जिस तरह आम जनमानस नोटबंदी पर मोदी के समर्थन में सामने आया, उससे जाहिर हो गया कि जनता इस फैसले को पसंद कर रही है. उस दौरान जिस तरह लाइन में बड़े छोटे सभी तरह के लोग लगे, उससे भी आम पब्लिक को लगा कि नोट बटोरकर रखने वाले लोग भी उन्हीं की हालत में आ गए हैं. यानि जाहिर था कि मोदी के इस फैसले का जनता के बीच बड़े पैमाने पर स्वागत भी हुआ. जब जनता किसी के साथ है और उसे पसंद कर रही है, तो हमें भी उसके साथ आना चाहिए.”
भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता से मुलाकात के नाम वह कहते हैं, ‘मैं जीवन में टिमटिमाना और बुझना पसंद करूंंगा, लेकिन कभी किसी दूसरे की रोशनी में जीना मुझे मंजूर नहीं. वैसे मैंने यूपी चुनाव से पहले यूपी में भाजपा के लिए खूब प्रचार किया था.’