चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। दीपावली धन की अधिष्ठात्रि देवी का पर्व माना जाता है। प्रस्तुत वर्ष दीपावली कार्तिक अमावस्या 14 नवंबर शनिवार को दोपहर के बाद आप्रहा सायह्रा, प्रदोश निषिद्ध ,महानिषिद्ध, व्यापीनी होगी , अंत: दीपावली पर्व 14 नवंबर शनिवार को मनाया जायेगा । दीपावली का त्योहार रोशनी से जगमगाता हुआ तयोहार है, जिसे पूरे भारतवर्ष मे ही हर्षुल्लास के साथ मानते है । कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व मे सभी लोग घरो की सफाई कर माँ लक्ष्मी गणेश ओर कुबेर पूजन करते हे, शास्त्रो के अनुसार प्रत्येक व्रत त्योहार धार्मिक म्हत्व के साथ ही ज्योतिष महत्व भी रखता है। माना जाता है की त्योहारो पर ग्रहो की दिशा ओर विशेष रूप मे की गयी पूजा ओर कार्य मनुष्य जीवन के लिए शुभ होते है । दीपावली के धनतेरस के दिन वस्तु की खरीददारी करना शुभ है , इसके पीछे ज्योतिष का यह महत्व कहता है की इस समय सूर्य ओर चंद्रमा तुला राशि मे स्वाति नक्षत्र मे होते है जो की ग्रहो की बहुत ही उत्तम फल देनेन वाली स्थिति है, वही दीपावली आध्यात्मिक ओर सामाजिक रूप से बहुत ही अधिक महत्व रखती है। ये अधकार पर प्रकाश , अज्ञान पर ज्ञान, असत्य पर सत्य ओर बुराई पर अछाई का प्रतीक है।प्रदोषकाल :- 14 नवंबर 2020 को सूर्यास्त 17घ – 26मि से लेकर 2घ – 42मि पर्यन्त 20घ – 08मि तक प्रदोष काल व्याप्त रहेगा ।। साय: 19घ – 26मि तक वृष (स्थिर)लगन विशेष प्रशस्त होगा । प्रदोश काल मे वृष लगन, स्वाति, (रात्री 20घ – 09मि तक ) लाभ की चोघकिया रहने से 19घ – 07मि से पहले ही पूजन का शुभ मुहूर्त है । निशीथकाल :- 14 नवंबर 2020 को रात्रि 20घ – 08मि से 22घ – 51मि तक रहेगा । निशीथकाल मे शुभ को चोघड़िया ही 20घ – 48मि से लेकर 22घ – 30मि तक रहेगी । प्रदोशकाल मे आरंभ किया हुआ पूजन रात्री 22घ – 30मि तक समाप्त कर श्रीसुकत, कनकधारा स्त्रोत तथा लक्ष्मी स्त्रोत आदि मंत्रो का जापानुष्ठान करना चाहिय । महानिशीथााल :- रात्रि 22घ – 51मि से 25घ – 33मि तकमहानिशीथकाल रहेगा । इस समयावधि मे अमृत तथा चर की चोघयिा भी शुभ है साथ ही साथ ‘सिंह’ लगन विशेष रूप से शुभ है दीपावली पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद अच्छे वस्त्र धारण करें और सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के साथ ही लाल पुष्प भी सूर्य को चढ़ाएं। किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज का दान करें। अनाज के साथ ही वस्त्र का दान करना भी श्रेष्ठ रहता है।प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन पर श्रीराम का नाम लिखें। राम नाम लिखने के लिए चंदन का उपयोग किया जा सकता है। यह काम पीपल के नीचे बैठकर करेंगे तो जल्दी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। राम नाम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और हनुमान जी को अर्पित करें।
Mirror 365 - NEWS THAT MATTERSDear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com
Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020