चितकारा इंटरनेशनल स्कूल में हुआ “गेमफोर्ज: यूनाइटिंग माइंड्स, अनलीशिंग स्किल्स” – गेमिंग और एस्पोर्ट्स का ऐतिहासिक आयोजन
30 जनवरी 2025 को चितकारा इंटरनेशनल स्कूल ने “गेमफोर्ज: यूनाइटिंग माइंड्स, अनलीशिंग स्किल्स” का आयोजन किया, जो गेमिंग और एस्पोर्ट्स को बढ़ावा देने वाला एक अनूठा कार्यक्रम था। इसे चितकारा यूनिवर्सिटी, इंडियन डिजिटल गेमिंग सोसाइटी (IDGS) के सहयोग से और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, NFDC और CII के समर्थन से आयोजित किया गया। इस आयोजन में WAVES मूवमेंट और “क्रिएट इन इंडिया” पहल के तहत इनोवेट-2-एजुकेट हैंडहेल्ड डिवाइस डिज़ाइन चैलेंज को भी प्रमोट किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत “गेमिंग का भविष्य क्यों है: अगली पीढ़ी के लिए अवसर” सत्र से हुई, जिसे इंद्रजीत घोष ने संचालित किया। वे AVGC (एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) क्षेत्र के प्रमुख समर्थक हैं। इस पैनल में सौरभ शाह (हेड ऑफ पीपल ऑपरेशंस, KRAFTON इंडिया) और सानंद सलील मित्र (सह-संस्थापक एवं एमडी, SporTech Innovation Lab Pvt Ltd) जैसे दिग्गज शामिल थे, जिन्होंने गेमिंग उद्योग की तेज़ी से बढ़ती संभावनाओं, करियर के अवसरों और AR, VR और स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी के साथ इसकी एकीकृत भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने गेमिंग में सुरक्षा और जिम्मेदारी से खेलने के महत्व पर भी जोर दिया, विशेष रूप से जुआ-आधारित खेलों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मानवा हंसवडकर (हेड ऑफ पीआर, KRAFTON इंडिया), मधुरीमा मणियार (CII), पी.के. पार्थसारथी (डीन, चितकारा सेंटर फॉर गेम डिज़ाइन), डॉ. नियति चितकारा (डायरेक्टर, चितकारा इंटरनेशनल स्कूल्स) और डॉ. हनी चितकारा (एसोसिएट डायरेक्टर, चितकारा इंटरनेशनल स्कूल) जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।
इसके बाद “स्पोर्ट्स या एस्पोर्ट्स” सत्र हुआ, जिसका संचालन सानंद सलील मित्र ने किया। इसमें पारंपरिक खेलों और एस्पोर्ट्स के मेल को समझाया गया और इसमें उपलब्ध करियर के नए अवसरों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम का समापन एक रोचक प्रश्नोत्तर सत्र और “Gaming4Good” अभियान की शुरुआत के साथ हुआ, जो जिम्मेदार गेमिंग को बढ़ावा देता है।
डॉ. नियति चितकारा ने कहा कि गेमिंग नई पीढ़ी के लिए रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और तकनीकी कौशल विकसित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मधुरीमा मणियार (CII) और मानवा हंसवडकर (KRAFTON इंडिया) ने भी गेमिंग के शैक्षिक और व्यावसायिक अवसरों पर प्रकाश डाला।
“गेमफोर्ज” सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आंदोलन था, जो नवाचार और गेमिंग शिक्षा के भविष्य को आकार दे रहा है। चितकारा इंटरनेशनल स्कूल छात्रों को डिजिटल युग के लिए तैयार करने में अग्रणी बना हुआ है।