चंडीगढ़.हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के भतीजे आकांक्ष सेन की हत्या के मामले में पुलिस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तो पहले ही इस केस में मुख्य आरोपी बलराज रंधावा को पुलिस पकड़ नहीं सकी है, वहीं दूसरी ओर केस के एक अहम गवाह गगनदीप सिंह शेरगिल उर्फ शेरा ने भी कोर्ट में अपने बयान बदल दिए हैं।
शेरा इस केस का चश्मदीद गवाह था, जिसने पुलिस को दिए बयान में पूरी घटना की जानकारी दी थी, लेकिन बुधवार को शेरा कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गया। शेरा ने जज के सामने दिए बयान में कहा कि वह मौके पर मौजूद नहीं था और उसे पता नहीं कि हादसा कैसे हुआ, जिसमें आकांक्ष की जान चली गई।
फरवरी 2017 के इस केस में पुलिस ने आकांक्ष की हत्या के मामले में हरमेहताब उर्फ फरीद को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज राजीव गोयल की कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इसी केस में बुधवार को शेरा की गवाही हुई।
शिकायतकर्ता पक्ष के वकील तरमिंदर सिंह ने कहा कि शेरा ने भले ही घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया, लेकिन उसने अपनी और फरीद की पुरानी दुश्मनी की बात कबूली है। शेरा ने कहा कि उस रात बलराज और फरीद दीप सिद्धू के घर मौजूद थे, जहां आकांक्ष सेन भी था।
शेरा और फरीद के झगड़े में गई आकांक्ष की जान :आरोप के मुताबिक शेरा और फरीद के झगड़े में आकांक्ष की जान गई थी। हादसे की रात सेक्टर-9 में रहने वाले आकांक्ष के दोस्त दीप सिद्धू ने पार्टी रखी थी। यहां आकांक्ष के साथ उसका दोस्त शेरा भी आया था। दूसरी ओर दीप ने बलराज और हरमेहताब को बुला रखा था।
शेरा का बलराज और फरीद के साथ पुराना झगड़ा था। हाउस पार्टी में उनका विवाद गरमा गया। बलराज और शेरा में मारपीट हो गई। आकांक्ष इन्हें छुड़ाकर चला गया था। बाद में शेरा को लेने आया तो बलराज ने उस पर गाड़ी चढ़ा दी थी। पुलिस के आरोप हैं कि फरीद ने ही बलराज को आकांक्ष पर गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया था। बलराज ने पहले आकांक्ष को गाड़ी से टक्कर मारी।
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