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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

चंडीगढ़ भाजपा मुख्यालय कमलम् में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस का मुख्य विषय केंद्रीय बजट 2024 रहा।

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चंडीगढ़ भाजपा मुख्यालय कमलम् में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस का मुख्य विषय केंद्रीय बजट 2024 रहा।

सम्मेलन को सांसद अनुराग ठाकुर ने संबोधित किया।

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री को देश के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक कार्यकाल पूरा करने पर बधाई दी।

उन्होंने प्रगतिशील बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी बधाई दी, जो न केवल समाज के सभी वर्गों की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि आकांक्षी भारत की जरूरतों को भी पूरा करता है।

उन्होंने कहा कि दस वर्षों में बजट का आकार लगभग तीन गुना बढ़ गया है। पूंजीगत व्यय में भी 5 लाख करोड़ से 7 लाख करोड़, 10 लाख करोड़ और अब 11.11 लाख करोड़ की बड़ी छलांग है। जब सरकार का पूंजीगत व्यय इतना अधिक होगा, तो इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इससे निजी क्षेत्र में निवेश भी बढ़ेगा, रोजगार सृजन होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और हमारा आधारभूत ढांचा मजबूत होगा। हमारा राजकोषीय घाटा अब 4.9% से घटकर 4.5% पर आने का लक्ष्य है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 2014 के 320 बिलियन डॉलर से बढ़कर 666 मिलियन डॉलर हो गया है।

उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए बजट में किए गए प्रावधानों का ब्यौरा दिया। गरीब, किसान, महिला और युवा, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए वर्ग हैं। बजट में इन पर विशेष जोर दिया गया है।

युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए नई शिक्षा नीति और कौशल विकास मंत्रालय का संचालन किया गया, जिसमें शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। सहकारी संघवाद का सम्मान करते हुए राज्यों को अगले पचास वर्षों के लिए बिना ब्याज के 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को 2.66 लाख करोड़ का भारी भरकम बजट दिया गया है। महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ लखपति दीदियों का निर्माण किया गया है, जिसमें तीन करोड़ लखपति दीदियों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

किसानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुरूप भाजपा सरकार किसानों को उत्पादन लागत का 50% देने के लिए प्रतिबद्ध है और एमएसपी में लगातार वृद्धि के साथ ऐसा कर रही है। मोदी सरकार ने दस वर्षों में 18.40 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी पर फसलें खरीदी हैं, जबकि यूपीए शासन के दौरान यह आंकड़ा 5.5 लाख करोड़ रुपये था।

यूपीए द्वारा लगाए गए एंजल टैक्स को समाप्त करने तथा अन्य उपायों के माध्यम से सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है, जिनकी संख्या 350 से बढ़कर 1,20,000 हो गई है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों द्वारा नीति आयोग के बहिष्कार पर नाराजगी जताई। विपक्ष शासित राज्यों ने नीति आयोग के मंच का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष में थी, वे हमेशा योजना आयोग की बैठकों में जाते थे और अपने मुद्दे रखते थे। राज्यों से फीडबैक तंत्र का न होना गलत है। क्या आज राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि सिर्फ राजनीति करने के लिए खुद को इस व्यवस्था से दूर रखना चाहते हैं? हमने पिछले कुछ सालों में संसद में भी यही देखा है, विपक्ष सिर्फ हंगामा करना चाहता था।

एमएसपी पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसपी कर रही है, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता में आने से पहले कहती थी कि अगर हम एमएसपी नहीं देंगे तो क्या हमारी सरकार एमएसपी देगी? वह एमएसपी कहां है? दिल्ली में बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए उन्होंने पूछा कि दिल्ली की क्या हालत कर दी है। दिल्ली को झीलों का शहर बनाने का वादा किया था। देश की राजधानी में बेसमेंट में डूबकर 3 छोटे बच्चों की मौत हो गई। क्या यही है अरविंद केजरीवाल का शासन मॉडल?

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा, हिमाचल के सह-प्रभारी संजय टंडन, अमित जिंदल और हुकम चंद, पार्टी के राज्य महासचिव और मुख्य प्रवक्ता डॉ. धरिंदर तायल, संजीव राणा प्रदेश सचिव भी उपस्थित थे।