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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

चंडीगढ़ भाजपा द्वारा बजट पर बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन

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चंडीगढ़ भाजपा द्वारा बजट पर बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन
सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कृषि आंदोलन को लेकर सरकार चिंतित हैं।
चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गत दिनों लोकसभा में पेश किए गए वर्ष 2021-2022 के केंद्रीय बजट की समीक्षा करने और उस पर चर्चा करने के लिए चंडीगढ़ भाजपा ने सेक्टर 37 स्थित “लॉ भवन” में बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन किया । प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में केंद्रीय वाणिज्य एवं औद्योगिक राज्यमंत्री सोम प्रकाश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि राष्ट्रीय कार्यकारी समिति सदस्य एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन, मेयर रवि कांत शर्मा, प्रदेश महामंत्री चन्द्रशेखर, रामवीर भट्टी व बार कॉउन्सिल के सदस्य राजकुमार चौहान सहित बड़ी संख्या में शहर के प्रतिष्ठित वकील, डॉक्टर, इंडस्ट्रियलिस्ट, व्यापारी और अन्य गणमान्य व बुद्धिजीवी वर्ग ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि इस वर्ष का केंद्रीय बजट देश के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-2022 का केंद्रीय बजट 130 करोड़ भारतीयों की प्रतिज्ञा और क्षमता में विश्वास को पुन: जागृत करता है । यह बजट अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रणनीति को बदलने का एक अच्छा प्रयास है इसमें कारपोरेट संकट को समाप्त करने तथा सुधारों के सिलसिले जारी रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वैश्विक महामारी करोना के बाद स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान दिया गया है । कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है । बुनियादी ढांचे के खर्च में बढ़ोतरी महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव अर्थव्यवस्था के लिए बूस्टर डोज का काम करेंगे। बजट में किसानों के बारे में जिक्र करते हुए मंत्री सोम प्रकाश ने बताया कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में किसान समुदाय के कल्याण के लिए कई सुधार एवं उपाय किए गए हैं जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में विस्तार, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम-किसान से लेकर हाल ही में अधिसूचित कृषि कानून 2020 शामिल हैं। किसान आंदोलन के बारे में बोलते हुए कहा कि कृषि आंदोलन को लेकर सरकार चिंतित हैं और बराबर नजर बनाये रखी है, हालांकि सरकार निरंतर संवाद करते हुए उनकी आशंकाओं पर ईमानदारी से विचार कर रही है और कृषि कानूनों के प्रावधानों को सौहार्दपूर्ण ढंग से दुरुस्त करने के लिए सरकार ने अपनी इच्छाशक्ति दिखाई है। पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन के लिए ऋण प्रवाह पर ध्यान केंद्रित करते हुए बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्वमित्व योजना के दायरे को सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों तक बढ़ाना, एपीएमसी को मजबूत करना और ई-एनएएम के दायरे में कई अन्य मंडियों को लाना, सूक्ष्म सिंचाई निधि को दोगुना करते हुए 10,000 करोड़ तक बढ़ाना, ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि को बढ़ाना और बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए जल्द खराब होने वाले 22 उत्पादों के लिए ऑपरेशन ग्रीन योजना का विस्तार आदि किसानों को सशक्त बनाने के लिए बजट की अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं। उन्होंने किसान आंदोलन के शीघ्र समाप्त होने की कामना की इसी प्रकार कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के स्टैंड अप इंडिया के लिए आवश्यक मार्जिन रकम को 15 प्रतिशत तक घटा दिया गया है और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित ऋण को भी उसमें शामिल किया गया है। अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति में सुधार किया गया है और 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए बजट में वृद्धि की गई है। इन उपायों से समाज के दलित वर्ग के उत्थान में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार है यह बजट कोविड महामारी की वजह से दुनिया के सामने स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक चुनौती भी पैदा हुई है। भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के लिए यह चुनौती और बड़ी थी। भारत को एक तरफ कोविड के संकट से लोगों को बचाना वहीँ आर्थिक चुनौती का सामना करना था। भारतीय जनता पार्टी आज गौरव के साथ अपने नेतृत्व का अभिनंदन करती है कि उन्होंने न सिर्फ मानवीयता का परिचय देते हुए लोगों के जीवन को प्राथमिकता दी बल्कि आर्थिक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था को भी संभालने में सफल रहे। बजट में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 हजार करोड़ के निवेश, बीमा क्षेत्र में स्नष्ठढ्ढ सीमा को 74त्न तक बढाने तथा स्टार्टअप के लिए प्रक्रिया को और सरल बनाने के प्रस्ताव रखे हैं ।