- हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा अधिनियम को बहुमत से पास कर दिया।
- गेस्ट टीचर 58 साल की उम्र तक बने रहेंगे।
राजधानी हरियाणा। विपक्ष के हंगामे व वाकआउट के बीच विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन सरकार ने पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) अधिनियम-2019 और गेस्ट टीचरों के लिए हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा अधिनियम को बहुमत से पास कर दिया। अब संरक्षित क्षेत्र अरावली व शिवालिक पहाड़ी क्षेत्र में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे। साथ ही गेस्ट टीचर 58 साल की उम्र तक बने रहेंगे।
दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने 1900 में पंजाब भू-परिरक्षण अधिनियम (पीएलपी यानी पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट) बनाया था। इसमें पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए इलाके निर्धारित किए गए थे, जहां पेड़ काटने और कंस्ट्रक्शन की मनाही थी। इस क्षेत्र में कृषि कार्य भी नहीं किया जा सकता था। इस वजह से प्रदेश के 22 में से 14 जिलों के भूगौलिक क्षेत्र पूरी तरह या आंशिक रूप से प्रभावित थे। रेवाड़ी, गुड़गांव और महेंद्रगढ़ तो पूरी तरह कवर हो रहे थे। पीएलपी एक्ट में संशोधन पर बुधवार को सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस के विधायकों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। दोनों दलों के विधायक वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद वे वाकआउट कर गए। बिल में संशोधन के बाद डिवेलपमेंट प्लान, कृषि, रेल, मेट्रो लाइन, सड़क, रिहायशी इलाके व भविष्य की प्लानिंग की जमीन एक्ट से बाहर की जाएगी। अब एक्ट में सुनवाई का प्रावधान जोड़ा गया है।
पीएलपी एक्ट में बदलाव पर हंगामा : विपक्ष ने बिल्डरों और खान माफिया को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा कर किया वाकआउट
सदन में पीएलपी एक्ट में संशोधन पेश करते ही विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने इस पर चर्चा शुरू कराई तो विपक्षी विधायक भड़क गए। करीब एक घंटे तक हंगामा होता रहा।
विपक्ष के सवाल और आरोप
इनेलो : 1966 से क्यों किया जा रहा लागू
एक्ट 1966 से क्यों लागू किया जा रहा है। इसके पीछे सरकार का क्या उद्देश्य छिपा है। इससे प्रदूषण के साथ करप्शन बढ़ेगा। खनन शुरू होगा। बिल एक्जामिन कमेटी बने। -परमिंद्र सिंह ढुल, इनेलो विधायक
कांग्रेस : बदलाव की डिमांड कहां से आई?
क्या कोई बदलाव की डिमांड आई है। मामला सीरियस है। सर्वदलीय कमेटी बनाने में दिक्कत कहां आ रही है। जांच होनी चाहिए। -भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम
सबको पता है किसे फायदा, मंशा बताएं
बिल पर सरकार की मंशा क्या है। सरकार बिल्डरों की मदद कर रही है। नेचर ऑफ पार्क बनवाकर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है, सभी को पता है। कहीं न कहीं माइनिंग माफिया से तार जुड़े हैं।
-किरण चौधरी, कांग्रेस विधायक दल की नेता
बिल की जानकारी पहले क्यों हुई सार्वजनिक
फरीदाबाद के कांता एन्क्लेव को बचाएं, लेकिन बाकी पर कंस्ट्रक्शन नहीं होना चाहिए। इसमें डेढ़ से दो हजार करोड़ का धंधा किया गया है। मंत्रियों ने पहले ही क्यों बिल की जानकारी सार्वजनिक की। इसलिए उनके लोगों ने वहां जमीन भी खरीद ली है। यह काला कानून है। -करण दलाल, कांग्रेस विधायक
एक्ट पर सर्वदलीय कमेटी बनाई जाए
बिल पास कराने से पहले जांच कराएं और सर्वदलीय कमेटी बनाई जाए। -रघुबीर कादयान, कांग्रेस विधायक
सुप्रीम कोर्ट केे इसी आदेश ने सरकार को किया अलर्ट : पीएलपी एक्ट 1900 में बना था। बाद में किसी ने ध्यान नहीं दिया। निर्माण होता रहा। शहर बसते रहे। 1995 में सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा। पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि फरीदाबाद में कांता एन्क्लेव को तोड़कर वहां रहने वालों को सरकार मुआवजा दे।
सरकार के जवाब
साफ मन से किया काम, आरोप निराधार
अब परिस्थिति बदल चुकी है। पीएलपी एक्ट से फरीदाबाद के कांता एन्क्लेव व हुडा के सेक्टरों में दिक्कत आ रही है। इससे 10 लाख 94 हजार 543 हेक्टेयर जमीन पर कुछ काम नहीं हो सकता, जोकि प्रदेश का 25% हिस्सा है। 14 जिले प्रभावित हंै। पेड़ काटना तो दूर वहां कृषि भूमि पर खेती भी नहीं कर सकते। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो बड़े स्तर पर मकान गिराने पड़ेंगे। लाइसेंस रद्द करना होगा। -मनोहर लाल, सीएम
बताएं कौन से प्रावधान से हो रहा नुकसान
ये आरोप गलत लगा रहे हैं, सुझाव दे सकते हैं। जब आप लोगों ने कुछ गलत किया तो हमें कोई दिक्कत हुई और कोर्ट गए। बताएं काैन से प्रावधान से नुकसान हो रहा है।
-कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री (दलाल के आरोपों पर)
पारदर्शिता से लाया जा रहा है बिल
पारदर्शिता से एक्ट में बदलाव लाया जा रहा है। बड़खल पहाड़ी इलाके में है। वहां लाखों लोग रह रहे हैं। इस एक्ट की वजह से उन्हें पानी के लिए 2 रुपए भी नहीं दे सकते। -सीमा त्रिखा, भाजपा विधायक
रेवाड़ी समेत 3 शहर हो गए थे अनधिकृत
विपक्षी झूठे आरोप लगा रहे हैं। यदि पीएलपी-1900 की बात करें तो गुड़गांव, रेवाड़ी शहर ही अनधिकृत (अवैध) हैं। वन क्षेत्र में एक पेड़ नहीं काटा जाएगा। -राव नरबीर, वन मंत्री (सदन में इन्होंने पीएलपी एक्ट मेें संशोधन पेश किया।)
अतिथि शिक्षक सेवा बिल पास
साल में दो बार महंगाई भत्ते के मुताबिक सैलरी में किया जाएगा इजाफा
रेगुलर कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के अनुसार उसी अनुपात में गेस्ट टीचर का जनवरी और जुलाई में वेतन बढ़ता रहेगा। प्रदेश में करीब 14 हजार गेस्ट टीचर हैं, जिन्हें यह फायदा मिलेगा। बजट सत्र के आखिरी दिन शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा अधिनियम-2019 रखा, जिसे पास कर दिया गया। शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में रोहतक में धरने पर बैठे गेस्ट टीचर्स से जो वादा किया था, वह हमने पूरा किया। उस वक्त तो रोहतक में लाठीचार्ज के दौरान एक गेस्ट टीचर की मौत भी हो गई थी लेकिन हमने एक भी गेस्ट टीचर नहीं हटाया।
ये होंगे गेस्ट टीचर के कार्य : गेस्ट टीचर पढ़ाई तो कराएंगे ही, साथ ही पर्यवेक्षण नामांकन अभियान, टेस्टों का मूल्यांकन, प्रयोगशाला आदि में भी काम करेंगे। प्रशासनिक कार्य भी उन्हें दिए जाएंगे। जिनमें मिड-डे मील स्कीम, नामांकन अभियान, जागरूकता अभियान आदि को लेकर भी काम करेंगे। सरकार की ओर से अवकाश, स्थानांतरण, सेवा का निरस्त करने समेत अनेक नियम बनाए जाएंगे। 2005 और 2006 में कांग्रेस सरकार ने पीरियड के आधार पर गेस्ट टीचर लगाए थे। इसके बाद 2009 में इन्हें सालाना अनुबंध के आधार पर नियुक्त कर दिया गया।
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