सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सालों से चल रही तीन तलाक की प्रथा को खत्म कर दिया. 5 जजों की बेंच ने 3-2 के मत से ये फैसला सुनाया. फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने इसका स्वागत किया और कहा कि इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं को सम्मान का हक मिलेगा.
साफ है कि इस फैसले को बीजेपी आने वाले समय में भुनाना चाहेगी और घोषणापत्र में किए गए यूनिफॉर्म सिविल कोड के वादे को पूरा करना चाहेगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में जारी मैनिफेस्टो में बीजेपी ने इसका वादा किया था. मैनिफेस्टो के पेज 41 पर कहा गया है कि संविधान का आर्टिकल 44 नागरिकों को समान नागरिक अधिकार को पॉलिसी का हिस्सा है.
हालांकि, तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला है उससे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने में कोई आसानी नहीं मिलेगी. लेकिन BJP इस मुद्दे पर आगे कदम बढ़ा सकती है. आपको बता दें कि तीन तलाक के अलावा अभी सुप्रीम कोर्ट में निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा पर भी सुनवाई चल रही है.
क्या सच में बढ़ रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड की ओर कदम?
यूनिफॉर्म सिविल कोड अगर देश में लागू होता है, तो सभी धर्मों के लिए एक समान नियम होंगे. महिला और पुरुषों के बीच नियम-कानून को लेकर भी इससे आगे की ओर कदम बढ़ेंगे. साफ है कि 3 तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पर्सनल लॉ भी बैकफुट पर है.
फैसले के बाद क्या बोले पीएम और शाह
मंगलवार को कोर्ट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तीन तलाक पर दिया गया फैसला ऐतिहासिक है. इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा, महिला सशक्तिकरण की ओर यह एक बड़ा कदम है. वहीं अमित शाह ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. शाह ने बयान जारी कर कहा कि कोर्ट का फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए नए युग की शुरुआत है. शाह ने कहा कि यह फैसला न्यू इंडिया की ओर बढ़ता हुआ एक कदम है.