इंटरनेट सर्च करेंगे तो आपको प्रभास के बारे में 10 बातें, उनकी 10 आदतें, बाहुबली के बारे में अनसुने किस्से जैसे कई आर्टिकल मिल जाएंगे. उनके बारे में दुनियाभर की बाते लिखी पड़ी हैं. बाहुबली डाइट से लेकर, उनकी शादी, उनका स्वाभाव सभी कुछ चर्चा में है और अब हिंदी फ़िल्म निर्माता उनके पास अपनी फ़िल्मों के लिए लाइन लगाए खड़े हैं कि क्या पता बाहुबली वाला जादू उनकी फ़िल्म पर भी चल जाए.
वैसे प्रभास साल 2002 से ही तेलेगु फ़िल्मों में हीरो बनते आ रहे हैं लेकिन ‘बाहुबली’ की रिलीज़ तक हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में उनको लेकर कोई बात नहीं करता था.
वो चर्चा में आए जब एक दक्षिण भारतीय हीरो की फ़िल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बॉक्स ऑफ़िस पर दबंग ख़ान की ट्यूबलाइट जल नहीं पाई और इस ‘साउथ के हीरो’ की फ़िल्म ने 1500 करोड़ का आँकड़ा छू लिया. जिस आमिर ख़ान के आसपास कोई फटक नहीं पा रहा था, उस आमिर के साथ कमाई का दंगल कर डाला. बाहुबली कई मायनो में एक ऐतिहासिक फ़िल्म है और इसका बड़ा श्रेय निर्देशक राजामौली और उनके पिता के. वी. विजयेंद्र प्रसाद को जाता है लेकिन इस फ़िल्म का चेहरा थे प्रभास.
नया हीरो
फ़िल्म समीक्षकों की राय में उनका चेहरा ‘माचो’ भी है और ‘सौम्य’ भी और यही बात प्रभास को बाकी हीरोज़ से अलग कर देती है. दरअसल बाहुबली एक ऐसे समय में आई जब भारतीय दर्शक एक ही तरह की फ़िल्में देखकर उकता रहे थे. रणबीर कपूर की फ़्लॉप फ़िल्में, शाहरुख का वही सेम रोमांस और सलमान का एक ही अंदाज़ लोगों को नहीं भा रहा था. शाहिद कपूर, रणवीर सिंह इस बीच में कुछ अलग फ्लेवर भी दे रहे थे लेकिन कुछ अलग दर्शकों को नहीं मिल रहा था.
प्रभास ने बाहुबली के किरदार के साथ एक कंप्लीट हीरो की इमेज को पर्दे पर उतारा और शायद यही वजह रही की वो आमिर ख़ान के सामने बॉक्स ऑफ़िस पर खड़े हो सके. पहली बार किसी हीरो ने एक झटके में तीनो खानों की कमाई को हवा में उड़ा दिया. सुल्तान के 300 करोड़ सलमान ख़ान के लाइफ़टाइम हाई नंबर्स हैं और ट्रेड एनालिस्ट इस कमाई के बाद सलमान को बॉक्स ऑफ़िस का भगवान और न जाने क्या क्या मानने लगे थे.
लेकिन प्रभास की बाहुबली ने पहले ही हफ़्ते में ये गुमान तोड़ दिया. अगर कहानी अच्छी हो तो कोई भी फ़िल्म काम कर सकती है ‘बाहुबली’ ने ये साबित किया. इस फ़िल्म ने 1500 करोड़ की कमाई के साथ फ़िल्म इंडस्ट्री के निर्माताओं को इस बात का हौसला दिया कि वो ‘ख़ान’ हीरोज़ के आगे देखें.
फ़िल्मी बैकग्राउंड
एक फ़िल्मी परिवार से आने वाले प्रभास के पिता एक निर्माता हैं और उनके चाचा कृष्णम राजू भी एक अभिनेता है. इस सबके बाद भी प्रभास के घर में किसी को नहीं लगा था कि वो हीरो बन जाएंगे. स्वाभाव में बेहद शर्मीले प्रभास तो बी टेक की पढ़ाई कर रहे थे और शायद एक होटल खोलने की इच्छा रखते थे, लेकिन घर के फ़िल्मी माहौल ने उन्हें कैमरा के सामने ला ही दिया और अच्छी कद काठी के प्रभास कैमरा को जम गए.
राजामौली कहते हैं,”वो स्टार नहीं है और यही बात उसे सबसे बड़ा स्टार बनाती है. उसमें स्टार जैसा टैंट्रम नहीं है. जो कहो करता है, ज़्यादा मेहनत से करता और बार बार करता है, वो क्यों नहीं किसी को पसंद आएगा.”
ये प्रभास का डेडिकेशन है कि वो आज निर्माताओं की पहली पसंद है. अक्षय कुमार जैसे सितारे जो साल में 4 फ़िल्में करते हैं और सलमान जैसे सितारे जिनकी डेट्स के लिए उनकी लाखों मिन्नतें करनी पड़ती है, प्रभास उन निर्माताओंं के लिए एक नया ऑप्शन हैं. राजामौली के अनुसार प्रभास ने बाहुबली साइन करने के बाद 4 सालों तक कोई और फ़िल्म साइन नहीं की.
बॉलीवुड के हीरोज़ तो अपनी फ़िल्म के रिलीज़ होने से पहले ही दूसरी फ़िल्म को प्रमोट करने लगते हैं लेकिन प्रभास ने इस ट्रेेंड को तोड़ा. वो इस वक़्त भी सिर्फ़ एक फ़िल्म साहो पर फ़ोकस कर रहे हैं और उनकी मैनेजिंग कंपनी के अनुसार इस वक़्त उनके पास कई ऑफर्स हैं लेकिन प्रभास किसी भी ऑफ़र को हां नहीं कह रहे हैं.