‘आस्था के प्रतीक – श्रीराम’ के नाम से हुआ भव्य कार्यक्रम
राष्ट्रीय कवि संगम चण्डीगढ़ प्रांत एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, इकाई पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में भगवान श्रीराम को समर्पित ‘आस्था के प्रतीक – श्रीराम’ काव्य संध्या का आयोजन सेक्टर 12ए, पंचकूला में किया गया। यह कार्यक्रम परिषद की प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं कवि संगम चण्डीगढ़ की प्रांत अध्यक्ष कवयित्री संतोष गर्ग के सान्निध्य में हुआ।
इस कार्यक्रम में मुम्बई से कवयित्री एवं अभिनेत्री सुश्री ऊषा मौर्य मुख्य अतिथि के तौर पर पधारी। गायक एवं वरिष्ठ साहित्यानुरागी श्री सत्राजीत शर्मा, समाज सेवी एवं ट्रस्टी श्री विनोद बंसल, श्री रमेश मित्तल, श्री सुरेंद्र सिंगला विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे।
हरियाणा शिक्षा विभाग की उपनिदेशक श्रीमती सुनीता नैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता निभाई। यह आयोजन पंचकूला इकाई उपाध्यक्ष श्रीमती सोनिया बंसल ने किया। परिषद इकाई पंचकूला अध्यक्ष श्री बालकृष्ण गुप्ता व सम्मानित मंच द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद ट्राइसिटी के जाने माने ग़ज़ल गायक सोमेश गुप्त ने माँ शारदे की वंदना व कवयित्री दर्शन सुभाष पाहवा ने ‘आज आए अवध में राम, मंगल गाओ रे’ मधुर स्वर में गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
संस्था के महासचिव अनिल शर्मा ‘चिंतक’ ने संचालन के दौरान बताया कि दोनों ही साहित्यिक संस्थाएं संस्कार और संस्कृति के प्रचार- प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, इसी क्रम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को समर्पित यह कार्यक्रम रखा गया है ताकि हम उनके आदर्शों का अनुसरण कर सकें।
अध्यक्ष संतोष गर्ग ने बताया कि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल के अथक प्रयासों से और समर्पण भाव से राष्ट्र को जागृत करने वाली ये संस्था आज पूरे देश के साथ-2 विदेशों में भी राष्ट्र जागरण की अलख जगा रही है।
ट्रस्टी विनोद बंसल ने बताया कि श्रीराम मंदिर में होने वाली भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का शुभ दिन नज़दीक है इसलिए सनातन से जुड़े सभी लोग घर- घर पीले चावल देकर इस महोत्सव के लिए सबको आमंत्रण दे रहे हैं। इस उत्सव को लेकर समाज के हर पंथ के लोग उत्साहित हैं। इसी क्रम में प्रभारी सुरेंद्र सिंगला ने अपने चिर-परिचित अंदाज में हास्य की फुहार बिखेरने के बाद भगवान राम की स्तुति की।
विशिष्ट अतिथि सत्राजीत शर्मा ने भगवान राम के नाम की महिमा बताते हुए कहा कि ‘रा’ वर्ण सूर्यतत्व और ‘म’ वर्ण चंद्र तत्व है। इन दोनों के संयोजन से शक्ति और ऊर्जा प्रवाहित होती है, इसलिए राम नाम अपने आप में पूर्ण है, शक्तिशाली है। उन्होंने सभी से निवेदन किया कि 22 जवनरी को भगवान राम अपने धाम पधार रहे हैं इसलिए इस दिन भव्य दीपावली मनाते हुए सनातन का परचम लहराएँ।
मुम्बई से पधारी सुश्री ऊषा मौर्य ने ‘धूप हो छाँव सब तेरी ही माया है, तुम्हें दिल में प्रभु जब से बसाया है। इंसा- इंसा में प्यार नजर आया है’ रचना के माध्यम से भगवान राम को याद किया। संतोष गर्ग ने उनका परिचय करवाते हुए कहा कि मुंबई जैसे चकाचौंध वाले शहर में रहकर भी ऊषा जी अपनी सनातन संस्कृति एवं जड़ों से जुड़ी हुई हैं जिसकी झलक उनके लेखन में भी मिलती है। सिनेमा जगत के बड़े- बड़े स्टार हस्तियों के साथ काम करने के बावजूद उनका विनम्र भाव बेहद सराहनीय है।
शिक्षा विभाग हरियाणा से उप-निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो चुकी सुनीता नैन ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सभी की रचनाओं की प्रशंसा करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने हरियाणवी में स्वरचित लोक गीत प्रस्तुत कर सबकी तालियाँ बटोरीं।
इस मौके पर मंजू बिसला ने नारी शक्ति पर अपनी रचना प्रस्तुत की।सत्यवती आचार्य ने ‘जगमग दीप हमने जलाए’, बालकृष्ण गुप्ता ने ‘वो मैं नहीं वो तू था’। संगीता मधुबन ने ‘पता बता दो कहाँ मिलोगे’, एम एल अरोड़ा ने ‘जप ले राम नाम’, नीरजा शर्मा ने ‘राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट’ संगीता पुखराज ने ‘गर सपनों के शहर में मैं रवाना हुई होती’, डॉ. अनीश गर्ग ने ‘ये मंदिर नहीं शिलान्यास है हमारे आत्म सम्मान का’, कृष्णा गोयल ‘नव वर्ष खुशियों का रस भर दे’, किरण आहूजा ने ‘मुखोटों का जमाना आ गया है’, सविता गर्ग “सावी” ने ‘कृपा जन-2 पे सुन कर सबको भाव- विभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त ऊषा गर्ग ने ‘जो राम की शरण में आ जाएंगे, तर जाएंगे’, डेजी बेदी जुनेजा ने ‘युगों- युगों तक रहेगा राम तेरा नाम’ आदि रचनाएं प्रस्तुत कर भगवान राम को याद किया। उपरोक्त के साथ-साथ अनिता बंसल, महेंद्र सिंह, नीलम अरोड़ा, पुष्पा हंस भी उपस्थित रहे। कमल एवं दीपेंद्र ने समर्पण भाव से सभी की आवभगत की। अंत में कार्यक्रम संयोजक सोनिया बंसल ने निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबका आभार व्यक्त किया।