उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि आतंकवाद दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने सभी देशों से इस बुराई से निबटने के लिए ठोस कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवाद का दुनिया के किसी भी धर्म में कोई आधार नहीं है.
नायडू ने पीआईओ संसदीय सम्मेलन में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग आतंकवाद पर धर्म की चादर डाल रहे हैं लेकिन आतंकवाद का दुनिया के किसी भी धर्म में कोई आधार नहीं है और लोग उसका दुरुपयोग कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद की विध्वंसकारी ताकतों से लड़ना अनिवार्य है क्योंकि वह विकास की राह में रोड़ा अटका रहा है तथा सभी देशों को इसे मानवता के लिए खतरा मानकर उस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तान का नाम लिये बगैर नायडू ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद का साथ देने और उसको फंडिंग करने में यकीन करते हैं.
इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीआईओ संसदीय सम्मेलन ने प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को विविधता प्रदान की है और इससे पीआईओ निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ नियमित संवाद, आवागमन एवं विचारों के आदान-प्रदान के नये मंच खुलने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पूर्वज अलग-अलग क्षेत्रों से आए और हमारी मातृभाषाएं एवं प्रथाएं भी अलग-अलग हैं लेकिन फिर भी दिल है हिंदुस्तानी.’’