ढाका. बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव के लिए मतदान होने जा रहे हैं। देशभर में 40 हजार पोलिंग स्टेशन की सुरक्षा के लिए करीब छह लाख सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना रविवार को आम चुनावों में जीत दर्ज करके रिकार्ड चौथी बार प्रधानमंत्री पद हासिल करने का प्रयास करेंगी।
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विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने विपक्ष को रोकने के लिए उनके 15 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं और नेताओं को कैद कर लिया है। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार इसके जरिए विपक्ष के कार्यकर्ताओं को वोटिंग से रोकना चाहती है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त नूर उल हुदा ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियांं धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतें, क्योंकि 16 से 26 दिसंबर के बीच कुछ बदमाशों ने तीन हिंदू घरों में आग लगा दी थी। मतदान से एक दिन पहले भी देश के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं। पाटिया जिले में सरकार समर्थक एक कार्यकर्ता की पत्थरबाजों ने हत्या कर दी।
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बांग्लादेश में 10.41 करोड़ योग्य मतदाता हैं, जो तय करेंगे कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। हालांकि, यह पहली बार है जब देश में छह सीटों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। जातीय संसद (हाउस ऑफ द नेशन) बांग्लादेश का शीर्ष कानून बनाने वाला निकाय है। इसके कुल 350 सदस्य हैं, जिनमें से 300 सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करके चुने जाते हैं। इन चुनावों पर भारत, चीन और अमेरिका की सीधी नजर है।