न्यूयॉर्क. अमेरिका मेें 167 साल का सबसे भीषण तूफान ‘हरिकेन माइकल’ गुरुवार को फ्लोरिडा के उत्तर-पश्चिमी तट से टकराया। तूफान की वजह से 200 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे तटीय इलाकों में भूस्खलन और पेड़ गिरने जैसी घटनाएं हुई। भारी बारिश से समुद्र के करीबी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पेड़ की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
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राज्य के आपातकालीन सेवा विभाग के मुताबिक, फ्लोरिडा, अलाबामा और ज्योर्जिया में तूफान की वजह से 5 लाख लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर हैं। तट से टकराने के वक्त माइकल इतना ताकतवर था कि अंदर घुसने के बावजूद हवाओं की रफ्तार में खास कमी नहीं आई।
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जानकारी के मुताबिक, माइकल मंगलवार को कैटेगरी-2 का तूफान था। लेकिन बुधवार सुबह तक इसकी तीव्रता बढ़कर कैटेगरी-4 के ‘अत्याधिक खतरनाक’ तूफान की हो गई थी। वैज्ञानिकों का कहना था कि इस बेहद भीषण तूफान की तुलना पिछले तूफानों से नहीं की जा सकती। हालांकि, बुधवार शाम तट से टकराने से पहले माइकल की तीव्रता घटकर कैटेगरी-3 पर आ गई।
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माइकल की चपेट में आकर मध्य अमेरिका में अब तक 13 लोगों की मौत हुई है। होंडुरास में 6 की मौत, निकारागुआ में 4 और अल-साल्वाडोर 3 लोगों की मौत हुई। खतरे को देखते हुए फ्लोरिडा से पहले ही 3.70 लाख लोगों को निकाल लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि कई लोगों ने उनकी चेतावनी नहीं मानी।
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रिकॉर्ड के मुताबिक, फ्लोरिडा पैनहैंडल (उत्तर-पश्चिमी इलाकों) से आज तक कभी कैटेगरी-4 तूफान नहीं टकराया। तूफान से निपटने के लिए नेशनल गार्ड के 2500 सदस्यों को ड्यूटी पर लगाया गया है। राहत अभियानों के लिए संघीय फंड जारी किए गए।
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वहीं, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, माइकल अमेरिका में भूस्खलन लाने वाला तीसरा सबसे ताकतवर तूफान है। इससे पहले 1969 में मिस्सीसिपी और 1935 में फ्लोरिडा में तूफानों की वजह से अमेरिकी मेनलैंड में भूस्खलन हुआ था।