मोहाली। अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाले मामले में पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर बीर दविंदर सिंह ने जिला अदालत में अर्जी दायर कर मामले में उन्हें सरकारी गवाह बनाने की अपील की है। उनकी इस अर्जी पर अदालत ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा गया है कि विजिलेंस शिकायत में जो बयान दिए वे लगाए ही नहीं गए। अर्जी के मुताबिक इस मामले में शिकायत बीर दविंदर ने की थी। ध्यान रहे कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की ओर से इस मामले में गत वर्ष अक्तूबर में मामला खारिज करने को लेकर रिपोर्ट पेश की गई थी। इस रिपोर्ट को दो बार अदालत की ओर से खारिज किया जा चुका है। अभी ये मामला अदालत में विचाराधीन है। बीर दविंदर पूर्व कैप्टन सरकार में स्पीकर थे। सत्ता से सरकार बाहर होने के बाद मामले में पहली शिकायत बीर दविंदर ने ही दी थी।
यह था मामला
पंजाब में कैप्टन सरकार की विदाई के बाद सत्ता में अकाली भाजपा गठबंधन सरकार आने के बाद नगर निगम की सारी जमीन में से 32 एकड़ जमीन में छूट देने पर बरती गई अनियमिताओं के कथित आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व कैप्टन सरकार में मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ मोहाली के विजिलेंस थाने में मामला दर्ज किया गया था। करीब एक दशक से मामला अदालत में विचारधीन है।
इनको बनाया था आरोपी
मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा पूर्व मंत्री चौधरी जगजीत ङ्क्षसह, बलजीत सिंह, राजीव भगत, विधान सभा के पूर्व सचिव नछत्तर सिंह मावनी, किशन कुमार कौल, गुरचरण सिंह खारा, सुभाष शर्मा, जुगल किशोर शर्मा, रोहित शर्मा, संयुक्त सचिव तारा सिंह, महेश खन्ना, राजिंदर शर्मा, लक्की शर्मा, अश्वनी काले शाह व केवल किशन को नामजद किया गया था, जिनमें से चौधरी जगजीत सिंह व केवल किशन की मौत हो चुकी है।