चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह रविवार को किसान कर्जमाफी की शुरूआत करेंगे। वह मानसा में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में कर्जमाफी के लिए किसानों की सूची जारी करेंगे। दूसरी ओर, कर्ज माफी की सूचियों के भेदभाव का आरोप लगाते हुए किसान संगठनों ने समारोह के विरोध का एेलान किया है। आम आदमी पार्टी ने भी कैप्टन को काले झंडे दिखाने की घोषणा की है।
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के सदस्य गुरचरन सिंह ने कहा कि कांग्रेस बड़े वादे करके सत्ता में आई थी। उसने सभी किसानों के कर्जमाफ करने का वादा किया था, लेकिन अब इसमें भेदभाव किया जा रहा है।
दूसरी ओर, कैप्टन सरकार ने 5.63 लाख किसानों की सूची जारी की है। हालांकि, यह सूची बीते वर्ष दिए गए प्रस्ताव की अपेक्षा कम है। उसमें 10 लाख किसानों के कर्ज माफी का जिक्र था। कैप्टन मानसा में 170 करोड़ रुपये की पहली किश्त में 46000 किसानों का कर्ज माफ करेंगे। इनमें पांच जिलों मानसा, मोगा, मुक्तसर, बङ्क्षठडा व फरीदकोट के किसान शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के बरनाला जिला प्रधान दर्शन सिंह ने कहा कि बड़े किसानों को फायदा दिया गया है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि 7 जनवरी को मालवा में किसानों के कर्ज माफी के मामले को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता काले झंडे दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम घोषणाओं व वादों के बाद दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का एेलान किया है। इसके बाद भी सैकड़ों की संख्या में दो लाख तक के कर्ज वाले किसानों के नाम लिस्ट से गायब हैं।
उन्होंने कहा कि इससे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसके विरोध में आप कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की रैली में काले झंडे दिखाएंगे। पार्टी के उप प्रधान व विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि मानसा में होने वाली रैली में कैप्टन सरकार की पोल खोली जाएगी। उन्होंने सरकार के कर्ज माफी समागम को नाटक करार देते हुए कहा कि यह किसानों और खेत-मजदूरों के साथ विश्वासघात है।